पाकिस्तान को अंततः भारतीय वैक्सीन मिलने वाली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक को ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन ‘GAVI’ के तहत भारत में बन रही ऑक्सफ़ोर्ड AstraZeneca और सीरम इंस्टिट्यूट की Covishield की वैक्सीन मिलने वाली है। पाकिस्तान को भारत के सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा बनाई जा रही 45 मिलियन covishield वैक्सीन मिलने वाली है। यह वैक्सीन भारत से पाक को निर्यात की जाएगी। इसके अतिरिक्त पाक को 16 मिलियन AstraZeneca की वैक्सीन भी फ्री में ही मिलेगी।
बता दें कि GAVI संयुक्त राष्ट्र की अनुषांगिक संस्थाओं UNICEF, WHO, वर्ल्ड बैंक के अलावा ऐसी सरकारों के सहयोग से काम करता है जो जरुरतमंद देशों को वैक्सीन देना चाहते हैं। इसके तहत भारत ने कई अफ़्रीकी देशों, कैरेबियाई देशों को मदद पहुंचाई है किन्तु पाकिस्तान इससे वंचित था।
पाकिस्तान की कुल आबादी 212.48 मिलियन है। इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन लगवाने की क्षमता पाकिस्तानी सरकार में नहीं थी। पाक मूलतः चीनी मदद के भरोसे ही बैठा था, लेकिन पाक को बड़ा झटका तब लगा जब चीन ने उसे फ्री वैक्सीन देने से मना कर दिया। फ्री वैक्सीन के नाम पर पाकिस्तान को केवल 5 लाख डोज़ की भीख मिली और तो और चीन ने पाकिस्तान को आदेश दिया कि वह वैक्सीन लेने के लिए भी अपना प्लेन भेजे।
इसके विपरीत भारत ने अपने देश में वैक्सीनेशन शुरू करने के साथ ही पड़ोसी देशों को मदद देनी शुरू की थी। भारत ने नेपाल को 10 लाख और बांग्लादेश को 20 लाख वैक्सीन फ्री दी थी। इसके अतिरिक्त भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका आदि को भी फ्री वैक्सीन डोज मिली थी। लेकिन उस समय भारत सरकार ने पाक के रवैये के कारण उसे कोई मदद नहीं दी थी।
पाकिस्तान को जब समझ आ गया कि उसे भारतीय वैक्सीन नहीं हासिल होगी और उसे केवल चीनी वैक्सीन के भरोसे कोरोना से लड़ना होगा तो उसके होश ठिकाने आये। यही कारण था कि अचानक ही पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा के सुर कश्मीर मुद्दे पर बदल गया।
और पढ़ें: पाकिस्तान को छोड़कर अपने सभी पड़ोसियों को एक करोड़ मुफ़्त वैक्सीन देगा भारत
पाकिस्तान को वैक्सीन मिलेगी इसकी उम्मीद पहले ही लगाई जा रही थी। वैक्सीन की कमी का ही असर था कि पाक भारत के साथ सीजफायर समझौते को ठीक से लागू करने और तीन वर्ष तक सीमा पर फायरिंग न करने को लेकर राजी हुआ था।
देखा जाए तो यह पाकिस्तान का दुर्भाग्य है कि वहां की हर सरकार और सेना का हर अधिकारी, भारत के साथ परम्परागत शत्रुता को आगे बढ़ाने को मजबूर होता है। अब तो पाक की सरकारों के लिए भारत का विरोध उसके अस्तित्व को बनाए रखने का जरिया हो चुका है। किन्तु इस वजह से हर बार दांव पर आम पाकिस्तानी की जिंदगी लगती है।
जब दुनियाभर के देश चीन की वैक्सीन को नकार रहे थे, तब पाक की सरकार चीन के साथ वैक्सीन के लिए बातचीत कर रही थी। लेकिन चीन के साथ भी पाकिस्तान का केवल 1 मिलियन वैक्सीन डोज़ को लेकर ही समझौता हुआ।
एक आम पाकिस्तानी के लिहाज से देखें तो चीनी वैक्सीन उसकी पहुंच से बाहर है। एक चीनी वैक्सीन की कीमत 2000 पाकिस्तानी रूपये है। इसके अतिरिक्त पाक की सरकार के पास इतना फंड भी नहीं कि वह अपने लोगों को सब्सिडी पर भी वैक्सीन दिला सके।
ऐसे में पाक की रियासत ए मदीना, अपने अल्लाह के भरोसे ही बैठी थी। पाकिस्तान हर्ड इम्युनिटी के जरिये कोरोना से लड़ने की योजना बना रहा था। लेकिन अब भारतीय वैक्सीन उनको इस मुसीबत से बाहर निकाल सकती है।