अरब नहीं चाहते कि उनकी नस्ल पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं के कारण अशुद्ध हो

“Converted महिलाओं” की अरब में कोई जगह नहीं?

सऊदी अरब

(PC: Foreign Affairs)

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक रिश्ते पहले से ही नाज़ुक स्थिति में हैं और उसी बीच सऊदी अरब ने एक और कदम उठाया है जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, अपने नए फैसले में सऊदी अरब ने अपने पुरुष नागरिकों पर पाकिस्तान के साथ ही बांग्लादेश, चाड और म्यांमार की महिलाओं के साथ शादी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सऊदी अरब ने अपने पुरुषों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, चाड और म्यांमार की महिलाओं से शादी करने से रोक दिया है। अनौपचारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सऊदी अरब में इन चार देशों से लगभग 500,000 महिलाएं रह रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कदम का उद्देश्य सऊदी पुरुषों को विदेशियों से शादी करने से हतोत्साहित करना है जिसके तहत विदेशियों से शादी की अनुमति जारी करने से पहले अतिरिक्त औपचारिकताएं रखी गई हैं। मक्का पुलिस महानिदेशक मेजर जनरल आसफ अल कुरैशी ने मक्का डेली से कहा है कि विदेशियों से शादी करने के इच्छुक सऊदी पुरुषों को अब सख्त नियमों का सामना करना पड़ सकता हैं। विदेशी महिलाओं से शादी करने की इच्छा रखने वालों को पहले सरकार की सहमति लेनी पड़ेगी और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से शादी का आवेदन जमा करना पड़ेगा।

और पढे-

जबसे MBS सत्ता में आये हैं, तबसे सऊदी अब कूटनीतिक skills को मजबूत करने में जुटा है

कुरैशी ने आगे कहा,” यदि आवेदक पहले से ही शादीशुदा है, तो उसे एक अस्पताल से एक रिपोर्ट अटैच करनी पड़ेगी जो यह साबित करे कि उसकी पत्नी या तो विकलांग है, पुरानी बीमारी से पीड़ित है या बाँझ है।”

महानिदेशक ने कहा कि  तलाकशुदा पुरुषों को तलाक के छह महीने के भीतर आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी और आवेदक की उम्र 25 से अधिक होनी चाहिए और स्थानीय जिला महापौर द्वारा हस्ताक्षरित पहचान दस्तावेजों के साथ-साथ अन्य सभी पहचान पत्रों को अटैच करना पड़ेगा, जिसमें उसके परिवार की एक सदस्य का पहचान पत्र भी शामिल हो।

और पढ़े-

सऊदी अरब ने CAA और NRC का विरोध करने वालों को कहा ‘Get Out’

सऊदी अरब के इस कदम यह स्पष्ट होता है कि रियाध अपने मुल्क के मुस्लिमों को पाकिस्तान और उसके साथ ही बांग्लादेश, चाड और म्यांमार के मुसलमानों से भिन्न समझता है। सऊदी अरब नहीं चाहता कि उसके देश के पुरुष पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार की महिलाओं के साथ शादी कर अपनी नस्ल को अशुद्ध करें! इसका अर्थ यह भी है कि सऊदी की नज़रों में इन देशों के मुसलमान सच्चे मुसलमान हैं ही नहीं! अपने इस फैसले से सऊदी ने इन मुस्लिम देशों को उनकी औकात दिखाने का काम किया है, जो अपने आप को “सच्चा मुसलमान” सिद्ध करने की कोशिश में अरब मुस्लिमों के साथ भी भिड़ने को तैयार रहते हैं।

Exit mobile version