अनिल देशमुख पर झूठ बोलकर फंसे शरद पवार, भाजपा नेता अमित मालवीय ने बोलती बंद कर दी

महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा नाम और एनसीपी नेता शरद पवार वैसे तो अपने शांत-सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, लेकिन सचिन वाझे केस में उनकी ही पार्टी के बड़े नेता और महाराष्ट्र के गृहमंत्री  अनिल देशमुख का नाम सामने आने के बाद शरद पवार बौखला गए हैं।

इसी के चलते देशमुख के बचाव में उन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के दावों को खारिज किया है, लेकिन जल्दबाजी में शरद पवार एक ऐसा झूठ बोल बैठे, जिसे बीजेपी नेता अमित मालवीय ने उजागर कर उनकी राजनैतिक प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता पर बट्टा लगा दिया है।

गृहमंत्री पर लगाया आरोप

दरअसल, परमवीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ही सचिन वाझे को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का जिम्मा दिया था और फरवरी महीने में पुलिस अधिकारियों को देशमुख द्वारा इसी सिलसिले में कुछ विशेष निर्देश मिले थे।

इस मुद्दे पर शरद पवार ने परमवीर सिंह के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि फरवरी महीने में 6 फरवरी से 16 फरवरी तक अनिल देशमुख कोविड से त्रस्त थे और अस्पताल में भर्ती थे, तो उन्होंने कोई निर्देश क्या ही दिए होंगे।

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 शरद पवार का झूठ हुआ उजागर

साफ है शरद पवार ने इस मुद्दे पर अनिल देशमुख के कोविड पॉजिटिव होने का एंगल चल कर बातों को खारिज करने की कोशिश की थी। वहीं अब इस मुद्दे पर बीजेपी नेता और पार्टी में आईटी डिपार्टमेंट संभालने वाले अमित मालवीय ने शरद पवार का झूठ उजागर कर दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें 15 फरवरी को अनिल देशमुख एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते दिख रहे हैं। अमित मालवीय का ये ट्वीट सीधे तौर पर शरद पवार को झूठा साबित कर रहा है।

 बीजेपी नेता अमित मालवीय ने किया ट्वीट

अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा, “शरद पवार दावा कर रहे हैं कि अनिल देशमुख 6 से 16 फरवरी के बीच कोरोना से ग्रसित होने के चलते अस्पताल में थे, लेकिन हकीकत में वो 15 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रैंस को संबोधित कर रहे थे… झूठ कैसे सबके सामने आ गया है।” अमित मालवीय का ये ट्वीट शरद पवार की राष्ट्रीय बेइज्जती का पर्याय बन गया है, क्योंकि वो देश के एक वरिष्ठ नेता हैं। विपक्ष में होने के बावजूद जनता उनसे ये उम्मीद नहीं करती है कि वो किसी संवेदनशील मुद्दे पर झूठ बोलेंगे।

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साफ है कि अमित मालवीय ने शरद पवार के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है और इससे ये भी साबित हो गया है कि शरद पवार अपने मंत्री को बचाने के लिए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी झूठ बोल सकते हैं जो कि काफी आश्चर्यजनक बात है।

शरद पवार का झूठ ये भी साबित करता है कि वो सचिन वाझे के इस केस में कितना ज्यादा असहज हो गए हैं। अपनी इसी असहजता के कारण शरद पवार ने आनन-फानन में अपने मंत्री पर आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के दावों को खारिज किया, शरद पवार अपने मंत्री को बचाने की जल्दबाजी में इतना ज्यादा हड़बड़ा गए कि अनिल देशमुख के कोरोना के मुद्दे पर भी झूठ बोल बैठे। अब उन्हें ये झूठ बेहद भारी पड़ने वाला है, क्योंकि इस झूठ से शरद पवार की विश्वसनीयता को बट्टा लगा है, जिससे उनकी अभी तक की राजनीति में कमाई गई इज्जत की मिट्टीपलीद हो गई है।

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