क्या Zomato के delivery boy को फंसाया गया है? कामराज का कहना है कि हिंसा लड़की ने शुरू की थी

ये मामला उतना सरल नहीं जितना बताया जा रहा है

Zomato एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। हाल ही में एक डिलीवरी बॉय पर एक महिला को समय पर डिलीवरी न देने के चक्कर में हाथापाई करने और उसकी नाक तोड़ने का आरोप लगा है। लेकिन जो दिखता है, जरूरी नहीं वैसा ही हो।

दरअसल अभी कुछ दिनों पहले बेंगलुरू में अपने आप को ब्यूटी इंफ्लुएंसर कहने वाली हितेशा चंद्रानी ने अपने लिए Zomato से खाना ऑर्डर किया था। लेकिन वह खाना उन्हे समय से नहीं पहुंचा। जब डिलीवरी बॉय कामराज आखिरकार खाना लेकर पहुंचा, तो वह महिला क्रोधित हो गई, और उन्होंने उस ऑर्डर को वापिस लेने को कहा।

हितेशा के अनुसार, “डिलिवरी ब्वॉय के दरवाजे पर आने के बाद मैंने उससे कहा कि मुझे ऑर्डर नहीं चाहिए, आप वापस ले जाओ। लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया और अपशब्द बोलने लगा। मैंने तुरंत दरवाजा बंद करने की कोशिश की। उसने तुरंत ही दरवाजा खोला और ऑर्डर अपने हाथ में लेते हुए मेरे चेहरे पर पंच जड़ दिया

अब Zomato इससे पहले भी अपने दोयम दर्जे के सर्विस के कारण सोशल मीडिया पर आलोचना के केंद्र में रहा है, जिसके कारण एक बार फिर Zomato आलोचना के घेरे में आने लगा। लेकिन जैसे ही यह मामला तूल पकड़ने लगा, डिलीवरी बॉय कामराज ने सभी को चौंकाते हुए खुलासा हुआ कि मामला उतना सरल नहीं, जितना दिखाया जा रहा है।

कामराज के अनुसार, “जब मैं महिला के घर डिलीवरी लेकर पहुंचा, तो मैं पेमेंट के इंतज़ार में खड़ा हुआ। जाम में फँसने के कारण डिलीवरी लेट हो गई, जिसके लिए मैंने माफी भी मांगी। लेकिन वो लगातार मुझसे लेट होने को लेकर झगड़ा करती रही। जब उसने मुझे पैसे देने से इनकार किया, तो कंपनी ने खाना वापिस लाने को कहा। लेकिन लड़की ने खाना वापिस नहीं दिया। फिर वह मुझे चप्पलों से मारने लगी। मैं किसी तरह अपने आप को बचा रहा था, तो उसका हाथ खुद ही उसके मुंह पर लगा, जिसके कारण नाक पे उसे चोट लगी

अब ऐसे मामलों पे जल्दबाजी में निर्णय लेना बहुत घातक हो सकता है, जैसे सरवजीत सिंह मामले में, या फिर अभी हाल में जेल से छूटे विष्णु के मामले में देखने को मिला, जो एक झूठे आरोप के चलते 20 साल तक जेल में सड़ता रहा। शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए Zomato के सीईओ दीपिंदर गोयल ने एक लंबा पोस्ट ट्वीट किया।

दीपिंदर के अनुसार,“हमारा काम है पूरा सच बाहर आने तक हर पहलू की जांच करना। हम हितेशा की भावनाओं का सम्मान करते हैं, और कामराज की भावनाओं का भी। जहां हितेशा के चिकित्सा का खर्च उठाने का जिम्मा उठाने का निर्णय हमने लिया है, तो वहीं जब तक सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ जाता, तब तक हमने कामराज के एक्टिव डिलीवरी सेवा में हिस्सा लेने पे रोक लगाई है। लेकिन उसके खर्चे और लीगल expenses की जिम्मेदारी भी हमने उठाने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कामराज ने हमारे लिए 5000 से भी अधिक डिलीवरी की हैं, और उसे 5 में से 4.75 की रेटिंग मिली है, जो हमारे एप पर सर्वाधिक है”

अब देखना यह होगा कि सच क्या है। यदि हितेशा का दावा सच है, तो निस्संदेह कामराज के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन यदि कामराज का दावा सच निकलता है, तो हमें हितेशा पर कार्रवाई के साथ ये भी सुनिश्चित करना होगा कि बिना सोचे समझे पुरुषों को हर अपराध के लिए दोषी सिद्ध करना कहाँ की समझदारी है।

 

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