“इनके खिलाफ कार्रवाई हो” हिन्दू विरोधी और मुगल प्रेमी प्रोफेसर ऑड्रे ट्रुश्की के खिलाफ Rutgers के छात्रों ने उठाई आवाज़

भगवान राम महिला-विरोधी हैं, हिन्दू तो बस गाय का पेशाब पीने वाले लोग हैं और हिंदुओं पर अत्याचार करने वाला औरंगज़ेब महान शासक था, ये शब्द हैं हिन्दू विरोधी और मुगल प्रेमी इतिहासकार ऑड्रे ट्रुश्की के, जो न्यू जर्सी के Rutgers विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर हैं।

ऑड्रे ट्रुश्की

हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करना एक फैशन सा बन चुका है। विदेशी इतिहासकारों को अक्सर ही इस तरह का हिंदू विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाते देखा जा सकता है। इन्हीं में से एक हैं न्यू जर्सी के Rutgers विश्वविद्यालय की प्रोफेसर ऑड्रे ट्रुश्की। अब इस प्रोफेसर का हिंदुओं के प्रति नफरत का लेवल इतना हाई हो चुका है कि उस विश्वविद्यालय के छात्र उनके खिलाफ ऑनलाइन पैटीशन ले कर आए हैं जिसमें उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई करने की मांग उठाई जा रही है।

याचिका को “हिंदू ऑन कैंपस” समूह द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया था। जिन छात्रों ने याचिका शुरू की थी, वे ट्रूश्की के लगातार हिंदुओं के प्रति नकारात्मक विचार से नाराज थे। विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लिखे गए एक खुले पत्र में, छात्रों ने कहा कि वे सब विश्वविद्यालय में उनके धर्म, हमारे देवताओं और हमारे पवित्र ग्रंथों के निरंतर अपमान से व्याकुल हैं। पत्र में छात्रों ने यह भी कहा कि ट्रूश्की द्वारा फैलाये जा रहे हिन्दू विरोधी ज़हर के कारण उनकी सुरक्षा के लिए एक संभावित खतरा हो सकता है, क्योंकि उनकी आस्था के कारण, कैंपस में या सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें संभावित हमलों, धमकी और बैकलैश” का सामना करना पड़ सकता है।

याचिका में कहा गया है कि विभिन्न अवसरों पर प्रोफेसर ऑड्रे ट्रुश्की द्वारा की गई घृणित और नीच हिंदू विरोधी टिप्पणी के कारण विश्वविद्यालय में हिंदू छात्रों के लिए माहौल अब खतरनाक हो चुका है।

याचिका में स्पष्ट कहा गया है कि इस प्रोफेसर ने कैपिटल हिल में हुए दंगों के लिए हिंदुओं पर आरोप लगा दिया। यही नहीं, इस प्रोफेसर का यह भी दावा है कि श्रीमद भगवद गीता, हिंदुओं की पवित्र पुस्तक, हिंसा “सामूहिक वध को तर्कसंगत बनाती है।”

ट्रुश्की ने भगवान राम को “Mysogynistic Pig” कहकर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया था। इतना ही नहीं, उसने सभी हिंदुओं को ‘गाय पेशाब पीने वालों’ के रूप में दिखाने का भी प्रयास किया था।

ट्रुश्की ने सिर्फ हिंदुओं और हिंदू धर्म के प्रति घृणा ही नही फैलाई है बल्कि मुगल अत्याचारी औरंगजेब द्वारा हिंदुओं के नरसंहार को भी White Wash करने की कोशिश की है। इस विषय पर वह एक किताब भी लिख चुकी है।

अब Rutgers विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल किया है कि क्या वे किसी प्रोफेसर को तब भी ऐसे ही छोड़ देंगे जब वह पैगंबर मुहम्मद, यीशु, या अन्य किसी धर्म के देवताओं के खिलाफ इस तरह बकवास करेगा?

ऑड्रे ट्रुश्की हमेशा से ही सोशल मीडिया पर न केवल हिंदू धर्म का अपमान करने के लिए बल्कि मुगल अत्याचारी औरंगजेब के अपराधों को सफेद चोला पहनाने के लिए लोगों के निशाने पर रही हैं। और यह सब वे इतिहासकार बनकर करती हैं।

जब राम मंदिर के लिए भूमि पूजन हुआ था तब खुद को औरंगज़ेब की राज दुलारी मानने वाली इतिहासकार ऑड्रे ट्रुश्की ने तंज़ कसते हुए ट्वीट किया था, “आज 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन रहा, बल्कि नफरत, गैर-कानूनी हिंसा, और संकीर्णता की विजय हो रही है। हिन्दू राष्ट्र की इससे बढ़िया नींव कोई हो ही नहीं सकती।”

https://twitter.com/AudreyTruschke/status/1290842914789167106?s=20

अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्रोफेसर के अंदर हिंदुओं के लिए कितना ज़हर भरा हुआ है। हालांकि, छात्रों की याचिका के बाद Rutgers विश्वविद्यालय ने भी ऑड्रे ट्रुश्की का ही पक्ष लिया था। यह हैरानी की बात है कि एक प्रोफ़ेसर कैपिटल हिल की घटना में हिन्दुओं के शामिल होने की फेक न्यूज़ फैलाती है, बावजूद इसके Rutgers पहले उनके समर्थन में खड़ा होता है और उस फेक न्यूज़ को उनके एकेडेमिक फ्रीडम का नाम देता है।

लेकिन जब विश्वविद्यालय के खिलाफ ही #RacistRutgers  ट्रेंड शुरू हो गया तो उसने दोबारा बयान जारी कर हिंदू छात्रों से माफी मांगी।

हालांकि, सिर्फ एक माफ़ी जारी करना इस मामले का कोई हल नहीं है। Rutgers विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द इस हिन्दू विरोधी प्रोफेसर को उनके कार्यभार से मुक्त करना चाहिए और हिंदुओं की इस हक की लड़ाई में उनका साथ देना चाहिए!

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