बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक शांत छवि वाला नेता माना जाता है, लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद उनकी पार्टी की सीटों का कम आना शायद उन्हें आक्रामक बना चुका है। विधानसभा में स्वयं मुख्यमंत्री भी कई बार आक्रोशित रवैया दिखा चुके हैं। वहीं हाल में बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों की हुई पिटाई को लेकर नीतीश की छवि बेहद खराब हो गई है। इस मुद्दे पर आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने यहां तक कह दिया है कि अब वो राज्य कs विधानसभा में अगले पांच साल तक कदम नहीं रखेंगे। बिहार में नीतीश की ये तनाशाही गठबंधन की सहयोगी बीजेपी को भारी पड़ने वाली है, जिसके चलते अब जरूरी है कि बीजेपी इस मुद्दे पर सक्रिय हो क्योंकि नीतीश की इन गलतियों का नुकसान हो रहा है।
बिहार विधानसभा में 23 मार्च को विपक्ष के विधायकों ने सशस्त्र पुलिस बल विधेयक 2021 को लेकर खूब हंगामा किया। विधानसभा में प्रश्नकाल और शून्य काल का न होना भी इन विधायकों की नाराजगी की एक बड़ी वजह है। ऐसे में इन विधायकों ने सदन में कुर्सियां फेंकनी शुरु कर दीं, जिसके बाद पुलिस ने बल का प्रयोग किया और विधानसभा में आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों के साथ ताबड़तोड़ मारपीट की गई। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खूब फजीहत हुई है क्योंकि विपक्ष इस मारपीट के लिए नीतीश कुमार को मुख्य जिम्मेदार बता रहा है। विपक्ष के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
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तेजस्वी यादव ने सशस्त्र पुलिस बल विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस कानून के जरिए नीतीश पुलिस को अधिक ताकत देने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने विधानसभा में विधायकों के साथ हुई मारपीट को लेकर कहा कि नीतीश कुमार को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर माफी मांगने चाहिए वरना अगले पांच सालों तक विधानसभा में कोई भी विपक्षी विधायक कदम नहीं रखेगा। वहीं विधेयक को लेकर उन्होंने कहा, “इसी कानून के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भी पिट सकता है हमारा काम है विरोध करना हम विरोध कर रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक एक भी सवाल का जबाब नहीं दिया गया है।”
My Name is Tejashwi. CM Nitish & his puppet officers must know that no govt is permanent. MLAs were abused and beaten inside the Assembly. They have set an unparliamentary trend. If CM does not apologise for the incident, we may boycott the Assembly for the remaining tenure.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 24, 2021
तेजस्वी ने विधानसभा में हुई घटना को लेकर अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा मार्च निकाला, जिसमें अराजकता फैलने के बाद एक बार फिर पुलिस ने बल का प्रयोग किया। विधानसभा के बाहर तेजस्वी ने एक समानांतर विधानसभा स्थापित कर दी। तेजस्वी ने नीतीश को निर्लज्ज बताते हुए कहा कि अगर पुलिस वालों और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तो वो ऐसे ही समानांतर विधानसभा चलाएंगे लेकिन सदन में नहीं आएंगे। तेजस्वी का आक्रामक रुख नीतीश के लिए एक बड़ी मुश्किल बन गया है।
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तेजस्वी यादन लगातार एक सशक्त विपक्षी नेता के तौर पर सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीति में नीतीश कुमार बैकफुट पर चले गए हैं, और वो लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं जो तानाशाही प्रतीत हो रहे है। विधानसभा में हुई मारपीट का असर ये है कि कई महिला विधायकों को भी चोंटें आई हैं, जिसके चलते आम जनता में इन विधायकों के प्रति सहानुभति का भाव आ गया है जो कि नीतीश कुमार के साथ-साथ बीजेपी के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि भले ही सीएम नीतीश कुमार हैं लेकिन इस सरकार में ज्यादा पावर बीजेपी के पास है क्योंकि उनके पास नीतीश की पार्टी जेडीयू से ज्यादा विधायक हैं। बीजेपी के लिए ये जरूरी है कि वो इस मुद्दे पर एक सख्त रुख अपनाए, लेकिन उसका उदासीन रवैया बीजेपी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
नीतीश कुमार के आक्रामक रुख पर तेजस्वी ने उन्हें घेर लिया है, लेकिन इसमें नुकसान बीजेपी का है क्योंकि बीजेपी की मदद से सत्ता पर बैठे नीतीश अपने तानाशाह रवैए से बीजेपी की छवि को भी बर्बाद कर रहे हैं। इसलिए अब बीजेपी को इस मामले में फ्रंटफुट पर आना होगा क्योंकि बीजेपी को तेजस्वी के इस आक्रमक रवैए का बड़ा नुकसान हो सकता है।