इस्लामिक आतंकी संगठन PFI के अंत की शुरुआत हो गई है, NIA ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है

NIA ने केरल में PFI के पांच ठिकानों पर की छापेमारी

देश में कुछ अलगाववादी संगठन ऐसे हैं, जो लगातार कट्टरपंथ का कारोबार करते रहते हैं, जिनका खात्मा करना जांच एजंसियों के लिए बेहद ही जरूरी है। CAA और NRC के नाम पर देश मे कुछ कंट्टरपंथी संगठनों ने खूब अराजकता फैलाई थी और ये लोग आज भी अपना देश विरोधी एजेंडा अलग-अलग नामों के NGO के जरिए चलाते रहते हैं, जिनमें से एक PFI यानी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और आतंकी संगठन ISIS है। दिल्ली में CAA को लेकर दंगों में इस संगठन की बड़ी भूमिका थी। ऐसे में अब केन्द्रीय जांच एजंसी NIA, PFI और ISIS जैसे इन्हीं अलगाववादी और आतंकी संगठनों के अड्डों पर छापेमारी कर रहा है, और ये माना जा रहा है कि इस्लामिक कट्टरता फैलाने वाले इन संगठनों का खात्मा अब जल्द ही होगा।

दिल्ली के जाफराबाद इलाके में CAA और NRC को लेकर विशेष समुदाय के लोगों ने जो आतंक मचाया था वो आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। दिल्ली पुलिस ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट दायर की है, लेकिन इस मामले में सबूतों के अभाव में कई अपराधियों को जमनत भी मिल गई है। ऐसे में अब NIA अपने स्तर पर इन कट्टरपंथी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए छापेमारी कर रही है। हाल ही में NIA ने केरल में PFI के मल्लापुर, कुन्नूर और कोझिकोड समेत पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी केवल केरल ही नहीं बल्कि दिल्ली के जाफराबाद इलाके और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी देखने को मिली है।

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खास बात ये है कि NIA ने ये छापेमारी PFI के अध्यक्ष हनीफा के घर पर केरल में भी की है और हमेशा की तरह एक बार फिर वही हुआ जो ये संगठन आए दिन करते हैं । इन्होंने अपने समर्थकों के जरिए NIA की टीम पर अटैक करवाया और इन लोगों ने एक बार फिर छापेमारी का विरोध ही किया। हालांकि इन लोगों के विरोध का NIA की टीम पर खास असर नहीं पड़ा।

गौरतलब है कि ये छापेमारी तब हुई है, जब हाल ही में PFI से जुड़कर ISIS में शामिल हुए चार लोगों की गिरफ्तारियां हुईं  हैं। इन्हीं लोगों के जरिए NIA ने जांच के लिए जरूरी सबतू जुटाए थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि देश की पुलिस और जांच एजेंसियां इस तरह की औचक छापेमारी कर रही है। इससे पहले भी फरवरी में इन एजेंसियों ने बड़े स्तर पर दिल्ली के शाहीनबाग इलाके में आने वाले PFI के दफ्तर पर छापेमारी की है।

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PFI की दिल्ली समेत पूरे देश के कई इलाकों में सीएए के मुद्दे पर हुए दंगों मे बड़ी भूमिका थी। दिल्ली पुलिस समेत देश की सभी जांच एजेंसियों ने कई बार शाहीनबाग और जाफराबाद के इलाकों के कट्टरपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की थी, लेकिन आंदोलन की आड़ में इन लोगों ने सारा यातायात ही ठप कर रखा है।

अब जब सारा मामला जमीनी स्तर पर ठंड़ा हो चुका है। देश की जांच एजेंसियां समेत पूरा प्रशासन धड़ाधड़ कार्रवाई कर इस मामले को जांच के स्तर पर ज्वलंत कर रहा है। ये कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब वो वक्त नजदीक ही है, जब देश से इस्लामिक कट्टरता खात्मा हो जाएगा।

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