हाल ही में NIA ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए मुंबई पुलिस के चर्चित एनकाउन्टर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे को हिरासत में लिया है। मुकेश अंबानी के निवास के बाहर पार्क किये गए विस्फोटकों से भरी एसयूवी और उसके मालिक मनसुख हिरेन के रहस्यमयी मृत्यु के सिलसिले में सचिन वाझे से पूछताछ की गई, और अग्रिम जमानत की याचिका रद्द होने पर उसे हिरासत में लिया गया है।
वरिष्ठ इंस्पेक्टर सचिन वाझे को हाल ही में NIA ने आधिकारिक तौर पर हिरासत में लिया। ANI के ट्वीट थ्रेड के अनुसार, “सचिन वाझे को मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद विस्फोटकों की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है। उन्हें आईपीसी की धारा 120 B, 286, 465, 473 एवं 506 [2] के साथ साथ Explosive Substances Act 1908 की धार 4 [a] [b] [l] का उल्लंघन करने और कथित तौर पर विस्फोटकों से भारी गाड़ी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर लगाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, और जल्द ही न्यायिक हिरासत हेतु उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा”।
Mumbi police officer Sachin Waze* has been arrested under Sections 286, 465, 473, 506(2), 120 B of IPC, and 4(a)(b)(I)Explosive Substances Act 1908 for his role & involvement in placing explosives-laden vehicle near Mukesh Ambani's house in Mumbai on February 25: NIA
— ANI (@ANI) March 13, 2021
सचिन वाझे की गिरफ़्तारी से सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी की प्रमुख पार्टी शिवसेना बुरी तरह बौखला गई है। अपने मुखपत्र सामना के जरिए शिवसेना ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार के सिर फोड़ने का प्रयास करते हुए लिखवाया, “अर्नब गोस्वामी ने TRP घोटाले में सबको लूटा, जिसकी जांच सचिन वाझे कर रहे थे। क्या विपक्ष इसीलिए हो हल्ला मचा रहा था ताकि अर्नब को Anvay Naik के आत्महत्या के मामले में सच्चाई बताने से बचना पड़े। मनसुख हिरेन पर इन्हें हो हल्ला मचाना बंद करना चाहिए”।
सचिन वाझे के लिए शिवसेना इतनी हमदर्दी क्यों दिखा रही है, और मनसुख हिरेन से जुड़े मामले में ऐसा भी क्या है जिसके कारण शिवसेना पार्टी सचिन की गिरफ़्तारी से बौखलाई हुई है? दरअसल, जब यह सामने आया कि एसयूवी का मालिक मनसुख हिरेन से पूछताछ के कुछ ही दिन बाद मनसुख हिरेन की लाश रहस्यमयी परिस्थितियों में बरामद हुई। उनके परिवार वालों ने सचिन वाझे पर मनसुख की कथित हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा ये वही सचिन वाझे हैं, जिन्होंने अर्नब गोस्वामी को न केवल हिरासत में लिया, बल्कि कॉलर से घसीटते हुए उनको अलीबाग पुलिस स्टेशन ले गए। इसके अलावा सचिन ने 2008 में शिवसेना की सदस्यता भी प्राप्त की थी, जिसके चलते वे उद्धव ठाकरे के बेहद खास माने जाने जाते हैं। ऐसे में NIA द्वारा सचिन का हिरासत में लिया जाना शिवसेना के लिए प्रलय से कम खतरनाक नहीं होगा।
इसके अलावा ये भी सामने आया है कि जिस गाड़ी में विस्फोटक भरे गए थे, वो वही गाड़ी है, जिसमें सचिन वाझे मुंबई पुलिस के साथ अर्नब को हिरासत में लेने पहुंचे थे। ऐसे में सचिन वाझे पर संदेह और गहरा होता जा रहा है, और NIA द्वारा हिरासत में लिया जाना महा विकास अघाड़ी के अंत की ओर एक अहम कदम भी माना जा रहा है।