देश की राजनीति में सभी ने देखा है कि पार्टी का टिकट न मिलने पर पार्टी कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते हुए पार्टी छोड़ देते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC के साथ कुछ उलट ही परिस्थितियां हैं क्योंकि उनकी पार्टी के टिकट के कीमत धड़ाम हो गई है कि अब पार्टी की नेत्री सलारा मुर्मू ने अपने समर्थकों के साथ TMC से किनारा कर लिया है जबकि TMC ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था इसके बावजूद पार्टी छोड़ने का ये वाकया ममता के लिए नई मुसीबत बन सकता है।
TMC में आज की स्थिति ये है कि पार्टी में जरा-सी भी किसी नेता की नहीं सुनी जाती है या उसे नजरंदाज किया जाता है तो वो पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लेता है। शुभेंदु अधिकारी से लेकर यूपीए सरकार में देश के रेल मंत्री रहे TMC नेता दिनेश त्रिवेदी तक पार्टी छोड़ बीजेपी की सदस्यता ले चुके हैं। इन परिस्थितियों के बीच अब पार्टी मे टिकट पा चुकी नेत्री ने पार्टी छोड़ दी है। संभावनाएं है कि वो जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर लेंगी।
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TMC नेता और हबीबपुर विधानसभा सीट से पार्टी की उम्मीदवार सलारा मुर्मू पार्टी से बहुत ज्यादा नाराज हो चुकी हैं। उन्होंने पार्टी के सभी पदों समेत प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। खबरों के मुताबिक सलारा मालदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन उन्हें मनपसंद सीट नहीं मिली। ऐसे में वो अब अपने समर्थकों के साथ पार्टी को अलविदा कर चुकी है और उनकी बीजेपी में जाने की संभावनाएं हैं।
पार्टी से नाराजगी को लेकर पार्टी के एक नेता ने नाम गुप्त रखते हुए बताया, “सलारा मुर्मू के TMC छोड़ने और भाजपा में जाने की प्लानिंग के पीछे मुख्य वजह यही है कि उन्हें उनकी पसंद की सीट से टिकट नहीं दिया गया। सलारा मुर्मू के अलावा TMC के 14 अन्य नेता, जिनमें मालदा जिला परिषद के अध्यक्ष गौर चंद्र मंडल और TMC के कॉर्डिनेटर अमलान भादुड़ी शामिल हैं, भाजपा में जाने के लिए तैयार हैं।” साफ है कि आने वाले दिनों मनें TMC में एक और बड़ी फूट पड़ने वाली है जो पार्टी को और अधिक कमजोर कर देगी।
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TMC की वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी की हालत बेहद ही खराब हो चुकी है। पार्टी के अनेकों नेता बीजेपी का सूर्य उदय होता देख बीजेपी में जा चुके हैं। खास बात ये भी है कि बीजेपी TMC के उन्हीं नेताओं को शामिल कर रही है जिनकी छवि पाक साफ है। बीजेपी का पश्चिम बंगाल में जो चुनावी अभियान चल रहा है वो ममता और उनके नेताओं डरा रहा है। इसीलिए साफ छवि वाले लोग पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल कर रहे हैं।
बीजेपी के इस बढ़ते प्रभाव के चलते ही अब कोई TMC में नहीं रहना चाहते हैं। इसीलिए वो टिकट मिलने के बावजूद पार्टी छोड़ रहे हैं जो इस बात का प्रमाण है कि TMC का चुनावी टिकट भी अब पार्टी को एक करने के लायक नहीं रहा हैं और उसकी कीमत गिर चुकी है। इसका नतीजा ये है कि बंगाल में TMC के अंदर केवल ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ही बचेंगे।