‘स्टालिन के जूते बराबर भी नहीं है EPS’ चुनाव से पहले DMK के नेता ए राजा ने किया CM का अपमान

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राजनीति में भाषाई मर्यादाएं तार-तार होना कोई नई बात नहीं है, उत्तर भारत की राजनीति में तो ये आम बात हो गई है, लेकिन दक्षिण भारत की राजनीति में ये साधारण बात नहीं है, पर कुछ अपवाद तो होते ही हैं, तो ऐसा ही एक अपवाद डीएमके नेता और 2जी घोटाले के आरोपी ए राजा भी हैं। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके नेता ई. पलानीस्वामी का अपमान कर उन्हें समय से पहले पैदा होने वाला बच्चा करार दिया है, जो कि बेहद आलोचनात्मक बयान है, और इस मुद्दे पर उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज हो गई है।

अब इस मसले पर चेन्नई में पुलिस ने ए राजा के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने को लेकर और मॉडल कोड के उल्लंघन में धारा 153 और 294B के तहत केस दर्ज कर लिया है। ये एआईएडीएमके द्वारा की गई शिकायत के बाद चुनाव आयोग के आदेश पर दर्ज  हुई है।

ए राजा ने पिलानीस्वामी की तुलना डीएमके नेता स्टालिन से करते हुए कहा कि पलानीस्वामी तो स्टालिन की चप्पलों में लगी धूल के बराबर भी नहीं हैं। वो चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में पिलानीस्वामी और स्टालिन के बीच एक अभद्र तुलना कर रहे थे। उन्होंने कहा, “स्टालिन एक नेता के रूप में अलग-अलग चरणों से गुजर रहे थे, जबकि पलानीस्वामी लोगों के जनादेश से नहीं बल्कि शशिकला की वजह से सीएम बने। मैं केवल उनकी तुलना राजनीति में बढ़ रहे नवजात बच्चे के रूप में कर रहा था। इसे गलत तरह से पेश किया गया। मैं कैबिनेट रैंक का मंत्री रहा हूं, मुझे मुख्यमंत्री के बारे में गलत बोलने की जरूरत नहीं है।”

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एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते ही नहीं लेकिन एक साधारण मनुष्य के लिहाज से भी ए राजा ने पलानीस्वामी का अपमान किया है। ए राजा ने राजनीतिक सुचिता तक का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया है। उन्होंनेे आगे कहा, “वो गलत रास्ते से पैदा हुए हैं। स्टालिन का जन्म सही रास्ते से हुआ है जबकि तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री पलानीस्वामी गलत रास्ते से पैदा हो गए हैं।”

इस अभद्र व्यवहार को लेकर एआईएडीएमके ने ए राजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डीएमके नेता का ये रवैया दिखाता है कि पार्टी में नफरती सोच और अश्लीलता का व्यवहार करने वालों की भरमार है। इस मुद्दे पर एआईएडीएमके के एडवोकेट विंग ने चुनाव आयोग को शिकायत लिख ए राजा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसमें कहा गया, “ए राजा के खिलाफ चुनाव कानूनों के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के तहत अश्लील और अभद्र टिप्पणी करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।”

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 इतना ही नहीं अब एआईएडीएमके ए राजा को चुनावी मौसम से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी भी कर चुकी है। एआईएडीएमके ने मांग की है कि, “ए राजा के चुनाव प्रचार जारी रखने पर रोक लगाई जाए। यह केवल सीएम ईपीएस के खिलाफ नहीं था, बल्कि ए राजा लगातार डिप्टी सीएम ओ पनीरसेल्वम के खिलाफ भी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।”  वहीं इस मुद्दे पर कार्रवाई होने के डर से ए राजा अपनी बात से पलट गए हैं।  उन्होंने कहा, “मैंने कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है।” खैर अब अब बहुत देर हो चुकी है।

हम सभी को याद है कि कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के चाय वाला होने और गरीबी का मजाक उड़ाया था, जिसका नतीजा यह था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता द्वारा सहानुभूति मिली। कुछ ऐसा ही तमिलनाडु की राजनीति में देखने को मिल सकता है, जहां ए राजा द्वारा मुख्यमंत्री पलानीस्वामी का हुआ अपमान डीएमके को भारी पड़ सकता है, क्योंकि पलानीस्वामी इसे गरीब और पिछड़े का अपमान बताकर राज्य के होने वाले विधानसभा चुनावों में जबरदस्त सहानुभूति हासिल कर सकते हैं, जो कि उन्हें तमिलनाडु में सहानुभूति लहर के जरिए सत्ता तक पहुंचा सकता है, और डीएमके के लिए उनके ही नेता ए राजा मुसीबत बन जाएंगे।

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