उत्तर प्रदेश में चल रहा विकास कार्य कोरोना के समय भी नहीं रुका है और योगी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे 48 हजार नौकरियां पैदा होंगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने औद्योगिक नगरी नोएडा में अडानी इंटप्राइजेज लिमिटेड, डिक्सन टेक्नालॉजी इण्डिया लिमिटेड सहित 13 निवेशकों को लगभग 199848 वर्गमीटर भूमि आवंटित की है। इससे नोएडा क्षेत्र में 3870 करोड़ रुपये का कैपिटल इन्वेस्टमेंट होगा और लगभग 48512 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार को कहा कि, “उसने उत्तर प्रदेश के नोएडा क्षेत्र में 3,870 करोड़ रुपये के निवेश के साथ-साथ 13 कंपनियों को औद्योगिक भूमि आवंटित की है, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज और डिक्सन टेक्नोलॉजीज शामिल हैं”।
नोएडा प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि अडानी एंटरप्राइजेज को प्रस्तावित डेटा सेंटर के लिए सेक्टर 80 में 39,146 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई है और अडानी समूह से नोएडा में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की उम्मीद है। साथ-साथ प्रत्यक्ष रूप में 1160 और अप्रत्यक्ष तौर से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शुक्रवार को लखनऊ में बताया कि देश की अग्रणी इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डिक्सन टेक्नालॉजी इण्डिया लिमिटेड को मोबाइल फोन उत्पादन की परियोजना स्थापित करने के उद्देश्य से नोएडा के सेक्टर-151 में 21000 वर्गमीटर भूखण्ड आवंटित की गई है। डिक्सन टेक्नालॉजी 270 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे करीब 9000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की सम्भावना है।
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने 4,000 वर्ग मीटर से बड़े आकार के औद्योगिक भूमि के आवंटन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे, जिनके लिए आवेदन इस साल फरवरी में बंद कर दिए गए थे और बुधवार को परिणाम घोषित किए गए।
बयान के अनुसार, 60 से अधिक फर्मों ने जमीन के लिए आवेदन किया था और उनमें से 13 ने क्वालीफाई किया और उन्हें भूमि आवंटित की गयी।
इन कंपनियों में से डिक्सन टेक्नोलॉजीज, अग्रवाल एसोसिएट्स, वीवटेक्स प्रोजेक्ट्स, Enquine Tech Nutri Care LLP, आरएएफ मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, रोटो पंप्स, K K Fragrances, सावी लेदर्स, मिठास स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट्स, एडोराटेक्स, वेस्टवे इलेक्ट्रानिक्स तथा धामपुर एल्को केमिकल प्राइवेट लिमिटेड शमिक है। यह कम्पनियां मोबाइल फोन, टेलीविजन, वाशिंग मीशन, लैपटॉप, एयर कन्डीशन, होम टेक्सटाइल्स, फर्नीचर, हैण्डीग्राफ्ट, माउथ फ्रेशर, मिठाईयां, खाद्य प्रसंस्करण, चीनी तथा गुड के उत्पाद, पशु आहार, पेपर प्रोडेक्ट्स एवं रेडीमेड गारमेंट जैसे उत्पादों का उत्पादन करेंगी। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी के अनुमोदन के बाद, सेक्टर 80, 145, 140A और 151 में स्थित कुल 1,99,848 वर्ग मीटर भूमि भूखंडों को आवंटित किया गया है।
यही नहीं न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के अनुसार इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों में 15 अन्य निवेशकों को भूमि आवंटन की कार्यवाही तीव्र गति से चल रही है। इससे लगभग 13400 करोड़ का निवेश होगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसमें माइक्रोसाफ्ट इण्डिया नोएडा में 2500 करोड़ रुपये के निवेश से आईटी/आईटीईएस प्रोजेक्ट परिसर स्थापित करेगी। इसके लिए कंपनी द्वारा भूमि चिन्हित की जा चुकी है तथा भूमि का आवंटन जल्द ही कर दिया जाएगा। हीरानंदानी ग्रुप द्वारा 6000 करोड़ रुपये का निवेश कर ग्रुप डाटा सेंटर स्थापित किया जाएगा। वहीं नेटमैजिक आईटी सर्विसेस 1500 करोड़ रुपये से डाटा सेंटर – संकवांग इण्डिया इलेक्ट्रानिक्स 318 करोड़ की लागत से मोबाइल फोन कवर का प्लांट लगाया जायेगा।
पिछले कुछ वर्षों में देखा जाये तो आज तक की एक रिपोर्ट बताती है कि यूपी में पिछले तीन सालों में योगी सरकार ने 186 सुधार लागू किए। इसका नतीजा ये हुआ कि यूपी में 156 देशी-विदेशी कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके जरिए करीब 1 लाख 21 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। वहीं 174 अन्य ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने यूपी में करीब 53, 955 करोड़ के निवेश की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिसमे करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं। यानी कुल मिला कर कोरोना के समय भी उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ वर्ष 2017 से विकास कार्य अपनी गति से दौड़ रहा है। योगी आदित्यनाथ किसी भी स्थिति में उत्तरप्रदेश की छवि और राज्य की पहचान को एक विकसित राज्य के रूप में करने की ठान चुके हैं।