हाल ही में पीयूष गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को उन्हीं की राजनीतिक दाँवपेंच में उलझाते हुए चेतावनी दी कि यदि पंजाब के किसानों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम से वंचित रखा गया, तो पंजाब की दुर्गति के लिए अमरिंदर ही जिम्मेदार होंगे। अब पंजाब सरकार द्वारा डीबीटी स्कीम को स्वीकृत मिलने से पंजाब के किसानों को उनके अधिकार का धन और अन्य सुविधाएँ सीधे उनके अकाउंट तक पहुंचेंगे।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के ट्वीट्स के अनुसार, “पंजाब में अब किसानों को MSP पर बेची गई उनकी उपज का दाम सीधा उनके बैंक खातों में दिया जाएगा। किसानों के हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उठाए गए अनेकों कदमों की तरह इस निर्णय से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे”।
पंजाब में अब किसानों को MSP पर बेची गयी उनकी उपज का दाम सीधा उनके बैंक खातों में दिया जायेगा।
किसान हितों के लिये प्रधानमंत्री @NarendraModi जी द्वारा उठाये गये अनेकों कदमों की तरह, इस निर्णय से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) April 12, 2021
इतना ही नहीं, पीयूष गोयल ने आगे अपने ट्वीट थ्रेड में ये भी बताया, “उपज का दाम सीधा बैंक खातों में जाने का लाभ उन किसानों को भी मिलेगा, जो किराये की जमीन पर खेती करते हैं। सिस्टम में पारदर्शिता आने से वह किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और इन किसानों को भी उपज का पूरा दाम मिलेगा”।
उपज का दाम सीधा बैंक खातों मे जाने का लाभ, उन किसानों को भी मिलेगा जो किराये की जमीन पर खेती करते हैं।
सिस्टम में पारदर्शिता आने से वह किसी के बहकावे में नही आयेंगे, और इन किसानों को भी उपज का पूरा दाम मिलेगा।
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) April 12, 2021
लेकिन ऐसा भी क्या पंजाब सरकार ने किया, कि स्वयं पीयूष गोयल को मामला अपने हाथों में लेना पड़ गया था? दरअसल, कृषि कानून के विरोध की आड़ में पंजाब सरकार किसानों के हित में लाई गई डीबीटी स्कीम लागू करने को ही तैयार नहीं थी। पंजाब सरकार की आनाकानी से तंग आकर पीयूष गोयल ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि डीबीटी स्कीम लागू नहीं हुई, तो पंजाब की फसल केंद्र सरकार न तो खरीदेगी और न ही नुकसान होने पर पंजाब सरकार को इसपर मुआवजा मिलेगा। आखिरकार आढ़तियों के दबाव को दरकिनार कर पंजाब सरकार को डीबीटी स्कीम स्वीकारनी ही पड़ी।
वर्तमान निर्णय से एक बार फिर पीयूष गोयल ने सिद्ध किया कि वे मोदी सरकार के विश्वसनीय मंत्रियों में क्यों गिने जाते हैं। वे न केवल जनता के हित के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर जनता के हित में बाधा बन रहे लोगों की खटिया भी खड़ी करते हैं।