डोभाल के फोन पर अमेरिका आया लाइन पर, अब बाइडन ने भारत को वैक्सीन के लिए कच्चे माल की सप्लाई को कहा ‘हां’

डोभाल का एक फोन और अमेरिका की अकल ठिकाने पे!

ये नया भारत है। यहाँ पर केवल घर में घुसके मारा ही नहीं जाता, बल्कि बिना किसी दबाव और बिना किसी भय के अपने अधिकारों को डंके की चोट पे भी प्राप्त किया जाता है। अमेरिका के वर्तमान प्रशासन को लग रहा था कि वह भारत को वैक्सीन बनाने की अहम सप्लाई रोक कर उसे ‘सबक सिखाएगा’, पर ये दांव उल्टा ऐसा भारी पड़ा कि अमेरिका को भारत की हर प्रकार से सहायता करने को विवश होना पड़ा, और इसका श्रेय काफी हद तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जाता है। 

व्हाइट हाउस की ओर से ये स्पष्ट हुआ है कि वुहान वायरस से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए अमेरिका हरसंभव प्रयास करेगा। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, “अमेरिका ने उन स्त्रोतों को चिन्हित किया है जिससे भारत को वैक्सीन बनाने में आसानी होगी और इसे तत्काल प्रभाव से भारत की सहायता हेतु भेजा जाएगा। इसके अलावा अमेरिका रेपिड टेस्टिंग किट से लेकर PPE, वेन्टिलेशन, ऑक्सीजन जेनरेशन इत्यादि में भी भारत की हर प्रकार से सहायता करेगा”।

इसके बाद जो बाइडन से लेकर कमला हैरिस ने भारत की सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। लेकिन जो अमेरिका कल तक भारत के लिए कुछ नहीं है कह रहा था, वह अचानक से इतना दरियादिल कैसे हो गया? इसके पीछे एक ही कारण है , और वह है भारत का कूटनीतिक कौशल, जिसकी बेजोड़ मिसाल हाल ही में अजीत डोभाल ने पेश की।  

कुछ ही दिनों पहले अमेरिका ने अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह अपने संसाधन अभी किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं कर सकता। अप्रत्यक्ष तौर से ये भारत के लिए एक स्पष्ट संदेश था – हमारी बातें नहीं मानोगे तो कोई सुविधा नहीं मिलेगी। ये भारत के वैक्सीनेशन अभियान के लिहाज से चिंताजनक था, परंतु बाइडन प्रशासन टस से मस नहीं होने को तैयार था। 

इसके बाद क्या भारतीय क्या अमेरिका के भारतीय प्रवासी, सबने बाइडन प्रशासन की जमकर निन्दा की और अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा। अमेरिका के अड़ियल रूख के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल और अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान की फोन पर बात हुई जिसके बाद अमेरिका के सुर में बड़ा बदलाव देखा गया। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत की हरसंभव सहायता का भरोसा भी दिलाया। 

जेक के ट्वीट के अनुसार, “भारत में बढ़ते कोविड के मामलों को लेकर मैंने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से बातचीत की। अमेरिका संसाधन से लेकर आपूर्ति के क्षेत्र में हर कदम पर भारत के किसी भी आवश्यकता में उसकी पूरी पूरी सहायता करेगा”।

इसके बाद तो भारत को सहायता का वादा करने के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति तक का तांता लग गया। स्वयं जो बाइडन ने ट्वीट किया, “जैसे भारत ने संकट के समय अमेरिका की सहायता की थी, हम भी भारत के संकट के समय सहायता करने के लिए तत्पर हैं”।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत ने अपना अंतर्राष्ट्रीय कद काफी ज्यादा बढ़ा लिया है। गौर करें तो अजित डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर पहले भी जटिल मसलों को सुलझा चुके हैं। चाहे वो भारत और चीन सीमा विवाद उनकी भूमिका हो या पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने हो। परंतु इस बार उनके हस्तक्षेप ने अमेरिका की ‘न’ को ‘हां’ में बदल दिया है।

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