पहले भारत की मदद को कहा ‘न’, अब गुस्साये भारत को मनाने बाइडन ने Dr. Faucci को लगाया काम पर

अब बहुत देर कर दी बाइडन!

अमेरिका

भारत की सहायता के प्रति अमेरिका के अड़ियल रवैये के कारण गुस्साए भारत को मनाने के लिए अब अमेरिका की बाइडन सरकार नए पैंतरे अपना रही है। असल में अब White House के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉक्टर एंथनी फ़ौची ने Bharat Biotech द्वारा निर्मित स्वदेशी वैक्सीन Covaxin की तारीफ की है। भारत की वैक्सीन की तारीफ करते हुए अमेरिका के टॉप डॉक्टर ने बताया कि यह भारत की मौजूदा स्थिति से निपटने में बेहद मददगार साबित हो सकती है।

डॉ. एंथनी ने कहा कि “सबसे ताजा आंकड़ों में कोविड-19 मरीजों के खून के सीरम और जिन लोगों को भारत में इस्तेमाल होने वाली Covaxin दी गयी है, उनको शामिल किया गया है। यह कोरोना के 617 वैरिएंट को बेअसर कर सकता है।” आगे उन्होंने कहा “इसलिए, भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद वैक्सीनेशन इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है।” बता दें कि ट्रायल के परिणामों के बाद यह सामने आया था कि Bharat Biotech की efficacy 78 प्रतिशत है और आज इसे Serum Institute of India की Covidshield के अलावा भारत में वैक्सीनेशन के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है।

बता दें कि पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने भारत की सहायता के लिए वैक्सीन के निर्माण हेतु कच्चे माल के एक्सपोर्ट पर से प्रतिबंध हटाने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद भारत में इसका पुरज़ोर विरोध देखने को मिला था। इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट कर सांकेतिक रूप से अमेरिका को इसके परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। जयशंकर ने 24 अप्रैल को ट्वीट करते हुए लिखा था “आज multilateralism और शांतिप्रिय कूटनीति के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर मैं दुनिया की दो सबसे बड़ी चुनौतियों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहूँगा। बहुपक्षीय वैश्विक वातावरण को विश्वसनीय बनाने के लिए हमें बड़ा बदलाव करना होगा। और इसका असल में पालन होना चाहिए, ना कि बस भाषणबाज़ी!”

उसके बाद अमेरिका की ओर से आनन-फानन में भारत के लिए सहायता जारी की गयी। रही सही कसर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पूरी कर दी। अजित डोभाल ने अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवान से बातचीत की जिसके बाद White House का बयान सामने आया “जिस तरह भारत ने अमेरिका में उस समय सहायता भेजी थी, जब हमारे अस्पताल महामारी के शुरुआती दौर से जूझ रहे थे। इसी तरह अमेरिका भी जरूरत के इस समय में भारत की सहायता करने को प्रतिबद्ध है।”

इतना ही नहीं White House ने आगे ऐलान किया था “भारत के अग्रिम मोर्च के कर्मियों और कोविड-19 मरीजों की सहायता के मद्देनजर अमेरिका ने टेस्ट किट, वेंटिलेटर और पीपीई किट के अलावा अन्य उपकरण भारत को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। अमेरिका ऑक्सीजन उत्पादन एवं संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति भारत को तत्काल उपलब्ध कराने के विकल्पों पर काम कर रहा है।”

इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति खुद सामने आकर भारत की सहायता करने की बात कह चुके हैं। अपनी हालिया प्रेस conference में उन्होंने बताया कि वे वैक्सीन भेजकर भारत की सहायता करने के इच्छुक हैं।

अब अमेरिकी सरकार ने भारत को खुश करने के लिए अपने मुख्य चिकित्सक सलाहकार को काम पर लगाया है। अमेरिका किसी भी कीमत पर भारत को नाराज़ करने का जोख़िम मोल नहीं लेना चाहता क्योंकि उसके कारण बाइडन अपने देश में लोकप्रियता खो सकते हैं। इसके साथ ही भारत का साथ खोकर अमेरिका Indo-Pacific में भी कमजोर स्थिति में आ जाएगा। इसीलिए अब अमेरिका अब पुरानी करतूतों के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए भारत को मनाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।

 

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