Covaxin की सफलता के बाद, भारत बायोटेक लेकर आ रहा 95% efficacy वाला पहला Nasal वैक्सीन

संक्रमण चेन को तुरंत रोकने में होगा कारगर!

Nasal वैक्सीन

Covaxin की सफलता के बाद अब भारत बायोटेक Nasal वैक्सीन बना रहा है। रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए, भारत बायोटेक के एमडी डॉ कृष्णा एला ने कोरोनावायरस के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन की संभावना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बन रही है, और उसका पहले चरण का ट्रायल चल रहा है जिसकी डेडलाइन 8 मई बताई गयी है।

डॉ कृष्णा एला ने बताया कि, “इंजेक्शन लगाने वाले टीके केवल निचले फेफड़ों तक की रक्षा करते हैं, ऊपरी फेफड़े और नाक की रक्षा नहीं हो पाती है। ऐसी वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी लोगों को संक्रमण हो सकता है। लेकिन Nasal वैक्सीन इस संक्रमण की चेन को तोड़ेगी”।

आगे इस बात पर जोर देते हुए कि भारत बायोटेक Nasal वैक्सीन बनाने वाला दुनिया की पहली कंपनी हो सकता है। डॉ कृष्णा एला ने कहा, ”अगर रेगुलेटर मदद करते हैं तो हमें सबसे पहले अमेरिका और चीन से प्रतिस्पर्धा मिलेगी।“

उन्होंने कहा, “नाक से दी जाने वाली वैक्सीन आने ही वाली है, हमारे पहले चरण का ट्रायल चल रहा है, और 8 मई तक की समय सीमा है। हम (भारत बायोटेक) Nasal वैक्सीन के साथ आने वाले दुनिया का पहला देश बन सकते हैं।“ डॉ कृष्णा एला ने कहा, “हम नाक से दी जाने वाली वैक्सीन पर डेटा का इंतजार कर रहे हैं।”

Nasal वैक्सीन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, “यदि आप नाक से दी जाने वाली वैक्सीन की एक डोज लेते हैं तो आप संक्रमण को रोक सकते हैं और इस तरह संक्रमण चेन को रोक सकते हैं जिससे कोरोना के मामलों का curve फ्लैट हो सकता है”।

उन्होंने बताया कि यह पोलियो की तरह सिर्फ 4 बूँदें देनी होंगी, 2 एक nostril में और 2 दूसरे में। उन्होंने कहा कि नाक के रास्ते दिया जाने वाला टीका न केवल लगाने में आसान है, बल्कि इससे सूई, सीरिंज आदि की भी जरूरत नहीं होगी। इससे टीकाकरण का खर्च कम होगा।

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कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ही Nasal वैक्सीन को भी बना रही है। लेबोरेटरी में जानवरों पर यह सफल रही है। इंसानों के लिए यह वैक्सीन सेफ है या नहीं, इसकी जांच के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर की एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक को फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल्स की मंजूरी दे दी थी। कोवैक्सिन की सफलता को तो अब विश्व ने भी मान लिया है और कुछ दिनों पहले ICMR के शोध में यह बात सामने आई थी कि Covaxin Covid-19 के नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावशाली है। अब अगर नाक से दी जाने वाली वैक्सीन का ट्रायल सफल रहता है तो यह विश्व में अपनी तरह की सबसे पहली वैक्सीन होगी। इससे न सिर्फ कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी बल्कि विश्व में भी भारत बायोटेक के माध्यम से देश का नाम होगा।

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