‘भाड़ में जाये कोरोना से मरने वाले मोदी भक्त’, AIB के सह-संस्थापक ‘कॉमेडियन’ रोहन जोशी ने हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला

रोहन जोशी

एक होते हैं नीच, फिर आते हैं निकृष्ट, और फिर आते हैं रोहन जोशी जैसे लोग। अब बंद पड़ चुके कथित कॉमेडी ग्रुप AIB के प्रमुख सदस्यों में से एक रोहन जोशी ने हाल ही में एक ऐसा पोस्ट इंस्टाग्राम पर अपलोड किया, जिसे देखकर किसी का भी खून खौल सकता था। जहां कोविड 19 की दूसरी लहर से देशभर में अफरात-फरी मची हुई है, वहीं रोहन जोशी इस बात से खुश है कि जिन्होंने मंदिर के लिए वोट किया था, उनके परिवार वाले मर रहे हैं।

अपने दोयम दर्जे के पोस्ट में रोहन जोशी ने लिखा, “जितने भी भक्तों के प्रियजन इस त्रासदी में मारे गए हैं, संयम रखिए। आपके बाप [नरेंद्र मोदी] और आपके प्रिय अक्षय कुमार आपके लिए एक भव्य मंदिर बना रहे हैं, जहां आप अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए पाठ कर सकते हैं”।

इतने अपमानजनक और भड़काऊ पोस्ट पर किसका खून नहीं खौलेगा। इसके बाद तो जनता ने जमकर रोहन को उसके भड़काऊ पोस्ट के लिए खरीखोटी सुनाई। लेकिन रोहन जोशी ने बेशर्मी की सभी सीमाएँ लांघते हुए कहा, “मेरी पुरानी पोस्ट को जो भड़काऊ और आपत्तिजनक बता रहे हैं, वो मेरे क्रोध के बारे में कुछ नहीं जानते। भाड़ में जाए भक्त। वे सब इसके जिम्मेदार हैं। अभी भी मैं कुछ जाहिलों को देख रहा हूँ, जो उसे [नरेंद्र मोदी] की रक्षा कर रहे हैं। मेरे मन में इन लोगों के लिए रत्ती भर भी संवेदना नहीं है। भाड़ में जाओ सब के सब”।

रोहन जोशी की निकृष्ट सोच के कारण उसका पूरा का पूरा करियर बर्बाद हो गया, उसके बाद भी वो अपनी गलतियों के लिए जरा भी लज्जित नहीं है, और इसके लिए हिंदुओं को ही दोषी मानता है। रोहन जोशी वह ‘भूरा साहब’ है, जिसे लगता है कि वह भारतीय, विशेषकर हिंदुओं से बौद्धिक स्तर पर काफी ऊंचा है, और वह कभी भी किसी भी समय उन्हें अपशब्द सुना सकता है।

जोशी राम मंदिर विरोधी भी रहा है। वह इस तथ्य को बर्दाश्त नहीं कर सका कि हिंदुओं और मोदी समर्थकों की जीत हुई है. अक्सर वो सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकलता रहता है

इसीलिए जब रोहन जोशी जैसे वामपंथी कलाकार भारत की सांस्कृतिक की प्रगति देखते हैं, तो वे आगबबूला हो जाते हैं, और किसी भी समस्या के लिए हिंदुओं को दोषी ठहराने में इन्हें अलग ही आनंद मिलता है। वह वुहान वायरस से मरने वाले लोगों की लाशों पर नाचने के लिए तैयार है, लेकिन शायद उसने कर्मों के हिसाब के बारे में नहीं सुना है, जो इनके मामले में अभी बाकी है।

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