Oxygen संकट के बाद तमिलनाडु और ओडिशा बनकर उभरे हैं देश के रक्षक

ऑक्सीजन देकर करेंगे अन्य राज्यों की मदद

एक तरफ जहां पूरे देश में कोरोना मरीजों की बढ़ी संख्या के कारण अस्पतालों में Oxygen की कमी रिपोर्ट की जा रही है, तो ऐसे समय में देश के दो राज्य- तमिलनाडु और ओडिशा देश के रक्षक बनकर सामने आए हैं। दोनों ही राज्यों में Oxygen की कोई कमी नहीं है और ऐसे में अब इन दोनों राज्यों में अपने हिस्से की Oxygen देश के अन्य राज्यों को देने का काम किया है।

ओडिशा में कई उद्योग oxygen उत्पादन का काम करते हैं, जिसे अब राज्य द्वारा अन्य राज्यों की सहायता के लिए भेजा जाएगा।

बीते गुरुवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर बात भी हुई थी। इस दौरान पटनायक ने राष्ट्रीय स्तर पर मदद पहुंचाने की इच्छा जताई। Times Now की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पीएम मोदी से कहा “अभी युद्ध जैसे हालात हैं और ओडिशा देश की सहायता करने का इच्छुक है। हम अपने यहाँ Oxygen उत्पादन को बढ़ाकर देश के अन्य हिस्सों में मदद पहुंचाने का काम करेंगे।”

इसके साथ ही पटनायक ने Oxygen की कमी से जूझती दिल्ली को भी मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी, “अभी मेरी पटनायक जी से बात हुई है। उन्होंने दिल्ली को Oxygen पहुंचाने का आश्वासन दिया है और साथ ही इस काम के लिए एक विशेष अफसर की भी नियुक्ति की है।”

दूसरी ओर गुरुवार को ही मद्रास हाई कोर्ट ने भी तमिलनाडु सरकार को निर्देश देकर कहा कि अगर राज्य में Oxygen की कोई कमी नहीं है तो Oxygen को देश के बाकी राज्यों को सप्लाई किया जा सकता है। कोर्ट ने अपना निर्देश तब दिया जब राज्य सरकार ने कोर्ट में यह जानकारी दी कि उनके यहाँ कोविड विरोधी ड्रग Remdesivir और Oxygen की कोई कमी नहीं है।

हालांकि, उससे पहले मीडिया में यह रिपोर्ट्स चल रही थीं कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु से पूछे बिना ही उसके हिस्से की 65 टन Oxygen को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को सप्लाई कर दिया।

इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा, “हम एक देश हैं। अगर हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं तो हमें ज़रूर साझा करने चाहिए।” बता दें कि अभी तमिलनाडु में हर दिन करीब 400 टन Oxygen उत्पादन करने की क्षमता है, जबकि सिर्फ 250 टन ऑक्सिजन की ही खपत हो पा रही है। ऐसे में तमिलनाडु आसानी से देश के अन्य राज्यों की सहायता कर सकता है। खासकर ऐसे राज्यों में जहां Oxygen उत्पादन की क्षमता बहुत कम है।

देशभर में Oxygen की भारी किल्लत के बीच सेना को राहत के लिए बुलाया गया है। Navy की सहायता से Oxygen tankers को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए भारतीय सेना जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट आयात कर रही है, ताकि सेना के हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की कमी ना हो।

इसके अलावा राजधानी दिल्ली स्थित बेस हॉस्पिटल को अब 1000 बेड में तब्दील करने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक, जर्मनी से लाए जाने वाले इन सभी 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स को सेना के अस्पताल में लगाया जाएगा। वहीं से सेना के कोविड हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी।

देश में कोरोना की दूसरी वेव बेहद खतरनाक साबित हो रही है। 22 अप्रैल को देश में कोरोना के 3 लाख से भी ऊपर केस दर्ज किए गए, और हर दिन दो हज़ार से ऊपर लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में देश के सभी राज्यों को इसी प्रकार आपस में सहयोग कर इस महामारी से लड़ने की आवश्यकता है।

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