आज भारत में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़त होने की वजह से लोगों को राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालात में सोशल मीडिया पर धोखेबाज एक्टिव हो चुके हैं और ऑक्सीजन तथा दवाइयां मुहैया कराने के नाम पर फंड करोड़ों रुपए कमाने में लगे हैं।
ऐसा ही एक मामला imana cares नाम की संस्था का सामने आया है। यह संस्था सोशल मिडिया पर लोगों से COVID relief डोनेशन प्राप्त कर रही है लेकिन जब इस संस्था के बारे में जाँच पड़ताल हुई तो पता चला न सिर्फ यह एक सांप्रदायिक संस्था है बल्कि इसके लिंक आतंकी संगठनों से भी है।
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Much of the buzz is going on #imanacares latest project #HelpIndiaBreathe with an Aim to help India during Covid-19 crisis with Oxygen cylinders and medical assistance….
Below are few SS attached with basic observations rest lies on the reader's conscience.#COVID19 pic.twitter.com/d2MXPYfNmC
— Deeksha Negi (@NegiDeekshaa) April 30, 2021
पहले समझते है इस संगठन का पूरा नाम क्या है और यह कहाँ स्थित है। Imana का फुलफॉर्म Islamic Medical Associations of North America है। यह अमेरिका का एक एनजीओ है जो अमेरिकी मुस्लिम प्रोफेशनल्स के लिए काम कर रहा है।भारत में यह संगठन COVID19 के खिलाफ लडाई में योगदान करने का दावा कर रहा है लेकिन इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
यानी यह संस्था भारत में काम करती है या नहीं इसकी जानकारी है ही नहीं। बावजूद इसके भारत में ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सीय सहायता के लिए imana cares ने डोनेशन प्राप्त करने के लिए #HelpIndiaBreathe नमक एक प्रोजेक्ट चलाया जिसे इन्स्टाग्राम पर खूब शेयर किया जा रहा है।
अगर इस संगठन की हरकतों पर नजर डाले तो यह और स्पष्ट हो जायेगा। प्रारंभ इस संस्था के instagram हैंडल से डोनेशन का लक्ष्य 1.8 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, जिसे उसी दिन बढ़ा कर 3 करोड़ कर दिया गया। इसके बाद जब लोगों ने बिना जाँच किये डोनेट करना शुरू किया तो इसने यह लक्ष्य भी पूरा कर लिया। इस संस्था ने फिर अपने लक्ष्य को बढ़ा कर 5.6 करोड़ कर दियायानी IMNA का लक्ष्य एक ही था कि कैसे भी भारतीयों से फंड के नाम पर रूपए निकलवाना।
अगर हम इसके Youtube चैनल का पड़ताल करे तो पता चलेगा कि यह डाक्टरों का नहीं बल्कि मौलवी का चैनल है। इस संस्था ने Pfizer को हलाल घोषित किया था। यानी मेडिकल संगठन होने के बावजूद यह धार्मिक प्रतिबंधों में रूचि रखता है।
वहीँ अगर imana के कोरोना पर दिए गए वक्तव्य को देखे तो उसके साथ आने वाले संगठन देख कर यह कोई NGO नहीं बल्कि इस्लामिक संगठनों का एक कुनबा प्रतीत होता है। जब इस संगठन के वेबसाइट की जाँच पड़ताल की गयी तो पता चला कि इस संस्था के मुस्लिम फिजिशियन सिर्फ मुस्लिम मरीजों का इलाज करते हैं।
यही नहीं imana ने ISNA के साथ भागीदारी की है और संयोग से उनके साथी भी मुस्लिम सोसाइटी की बेहतरी के लिए समर्पित हैं। ISNA को तो आतंकियों की मदद के लिए भी जाना जाता है।
ग्लोबल न्यूज़ के अनुसार जब कनाडाई अधिकारीयों ने ISNA Canada की जाँच की तो यह पता चला था कि यह संगठन Relief Organization of Kashmiri Muslims के लिए फंड जमा करता था जो कि जमात-ए-इस्लामी का चैरिटेबल संगठन है।
एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के रूप में imna करोड़ो दान प्राप्त कर चुका है।
इन्स्टाग्राम के इन्फ़्लुएन्सर बिना किसी जाँच पड़ताल के ऐसे संगठन को प्रोमोट करने लग जाते हैं जिसका भारत से कोई लेना देना ही नहीं। इन्स्टाग्राम की Woke जनता भी इसी झांसे में आ कर ऐसे संस्थाओं को डोनेट करने लग जाते हैं। लोगों को ऐसी कठिन परिस्थिति में सोच समझ कर दान करना चाहिए जो वास्तव में लोगों की मदद करता हो न कि अमेरिका के किसी ऐसे संगठन को जिसका भारत से कोई लेनादेना ही नहीं।