सपा की हालत पतली देख, भाजपा की ओर दौड़े मुलायम के वंशज

बहुत जल्द खत्म होने वाली है समाजवादी पार्टी

सपा

उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद अगर किसी पार्टी की सबसे ज्यादा दुर्गति हुई है तो वो है, समाजवादी पार्टी। सपा के आंतरिक मामले और परिवारवाद को लेकर उसे पहले विधानसभा चुनाव में नुकसान हुआ और अब पार्टी के प्रमुख परिवार यानी मुलायम सिंह परिवार में भी फूट पड़ने लगी है। इसका हालिया उदाहरण सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव का बीजेपी में जाकर मैनपुरी की एक सीट से पंचायत चुनाव का लड़ना है। इसके अलावा मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव भी आए दिन सीएम योगी के फैसलों पर बयान देते रहती हैं। साफ है कि सपा के राजनीतिक सूर्यास्त के बाद अब यादव परिवार के लोग बीजेपी का रुख करने लगे हैं।

समाजवादी पार्टी और यादव परिवार के बीच पड़ी फूट अब सार्वजनिक होती जा रही है। पहले अखिलेश यादव के साथ गतिरोध के चलते शिवपाल सिंह यादव का अलग पार्टी बनाना और बाद में फिर सपा का बुरी तरह हारना यादव परिवार के लिए मुसीबत बन गया है, जिसके बाद से पार्टी लगातार टूट ही रही है। ऐसे में सपा में फूट की एक ओर खबर सामने आई है। दरअसल संध्या यादव ने अब आधिकारिक तौर पर बीजेपी का दामन थाम लिया है और अब वह पंचायत चुनाव भी लड़ेंगी।

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बता दें कि संध्या यादव, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन और मुलायम सिंह की भतीजी हैं। अब बीजेपी ने उन्हें मैनपुरी के घिरोर से जिला पंचायत चुनाव का प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार संध्या ने जिला पंचायत का अध्यक्ष का चुनाव जीता था। बाद में सपा विधायक के ही इशारे पर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें बीजेपी ने संध्या का सपोर्ट किया था। ऐसे में संध्या का झुकाव बीजेपी की तरफ था।

दिलचस्प बात यह है कि पहले ही संध्या के पति बीजेपी में शामिल हो चुके थे और अब पति का साथ देते हुए संध्या भी बीजेपी में जा चुकी हैं, जो सपा के लिए एक बड़ा झटका है। संध्या का बीजेपी में जाना पार्टी से ज्यादा यादव परिवार के लिए झटका है। सपा के लोगों को 2017 के चुनाव में हार के बाद से ये एहसास होने लगा है कि सपा का राजनीतिक वर्चस्व उत्तर प्रदेश की राजनीति में खत्म हो चुका है। इसीलिए अब सपा के लोग बीजेपी का रुख करने लगे हैं।

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एक दिलचस्प बात यह भी है कि सपा नेता अपर्णा यादव भी अब बीजेपी के कुछ मुद्दों पर उसका साथ देती नजर आती हैं। गौरक्षा को लेकर अभियान चलाना हो या राम मंदिर को लेकर दान देना हो, अपर्णा यादव परिवार में इन सभी मामलों में सबसे आगे रही हैं। अपर्णा का यह  रुख इस बात का परिचायक है कि वो भी बीजेपी के प्रति सॉफ्ट होने लगी हैं।

सपा नेताओं का अचानक बीजेपी की तरफ सॉफ्ट कॉर्नर दिखाकर पार्टी में शामिल होना दिखाता है कि इन सभी को पता है कि सपा के खत्म होने के बाद अगर राजनीति में प्रासंगिक रहना है, तो बीजेपी में शामिल होना पड़ेगा। इसीलिए अब ये सभी लोग परिवार से ही बगावत कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।

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