कोरोनावायरस के भयंकर प्रभाव के कारण देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर संसाधनों की कमी हो गई है। ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड को लेकर कई राज्यों में किल्लत की स्थिति है। ऐसे में भारतीय रेलवे संकटमोचक के रूप में सामने आया है। कोरोनावायरस की पहली वेव में भी रेलवे ने राज्यों की विशेष मदद की थी, कुछ इसी तरह अब ऑक्सीजन पहुंचाने से लेकर बेडों की खपत को पूरा करने में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि रेलवे का प्रभार संभाल रहे कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल की दूरदर्शिता की तारीफ हो रही है।
पिछले साल कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी की शुरुआत में जो भयंकर वेव आई थी, उससे निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने 4,002 रेलवे के कोविड कोच तैयार किए थे, जिसके अंतर्गत रेलवे में आइसोलेशन वार्ड के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर तक की व्यवस्था की गई थी। पिछले साल ऐसे चार सौ कोचों का ही इस्तेमाल हो पाया था, लेकिन अब जब कोरोनावायरस का स्वरूप भयावह हो गया है तो इन्हीं कोविड कोचों को संकटमोचक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
Indian Railways has converted its coaches into Covid care Coches. At present, 4,002 converted coaches are available with Railways in its 16 zones and can be made available for the state governments on request. pic.twitter.com/fNpUtWp2I4
— ANI (@ANI) April 18, 2021
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की स्थिति सबसे भयावाह है, ऐसे में राज्य सरकार की मांग पर राज्य के नंदुरबार जिले में 21 आइसोलेशन कोच मुहैया करवाए हैं, जो कि बेडों की संख्या की पूर्ति में राज्य के स्वास्थ्य विभाग की मदद कर रहे हैं। ऐसा केवल एक राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए नियम है। वहीं, रेलवे के आइसोलेशन कोच के संबंध में जानकारी देते हुए उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल ने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, आइसोलेशन कोच के लिए राज्यों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस में ऐसी किसी बात का उल्लेख नहीं है।”
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ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर उन्होंने कहा, “हमने ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे हैं, हम प्रत्येक कोच में 2 सिलेंडर प्रदान कर सकते हैं। इसके बाद राज्य सरकारों द्वारा रिफिलिंग और अन्य चीजों का ध्यान रखा जाएगा।” रेलवे के इन कोचों की मांग महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली में भी हुई है, जिसे देखते हुए रेलवे ने दिल्ली के शकूरबस्ती में 50 कोच तैनात कर दिए हैं। इसे प्रत्येक कोच में करीब 16 बेड हैं। आशुतोष गंगल ने कहा है कि दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन में अभी 25 कोच और मुहैया कराए जाएंगे। आइसोलेशन बेड के अलावा रेलवे ऑक्सीजन की कमी वाले राज्यों को ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए ऑक्सीजन की खपत भी पूरी कर रहा है जो एक सकारात्मक बात है।
Oxygen Express: Railways to create green corridor for fast movement of oxygen https://t.co/w3Ba2LLZj2
— TOI India (@TOIIndiaNews) April 18, 2021
इस पूरी परिस्थिति को देखें तो ये कहा जा सकता है कि भारतीय रेलवे एक बार फिर कोरोनावायरस से लड़ाई में संकटमोचक बनकर उभरा है। रेलवे की इस सोच और दूरदर्शिता के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल की जितनी तारीफ की जाए वो कम ही होगी।