देश के प्रधानमंत्री को नीचा दिखाने की होड़ में अब जो राहुल गांधी ने किया, वो एक अक्षम्य अपराध है। जहां देश सुकमा बीजापुर में हुए हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों को लेकर बेहद दुखी है, तो वहीं, राहुल गांधी ने उनकी प्रतिबद्धता पर ही सवाल उठा दिया।
हाल ही में सुकमा बीजापुर क्षेत्र में नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। इसके कारण 22 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी हुतात्मा हुए, जबकि 30 से अधिक घायल हुए। इस हमले का प्रशासन पर कितना असर पड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की गृह मंत्री अमित शाह को अपना चुनाव प्रचार रद्द कर दिल्ली जाना पड़ा।
लेकिन शायद राहुल गांधी को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता। बेशर्मी की सारी सीमाएं लांघते हुए उन्हेंने ट्वीट किया, “अगर ये इंटेलिजेंस की नाकामी नहीं थी, तो ये सच में एक घटिया ऑपरेशन था, जिसे कुछ नौसिखियों ने बेढंगे तरह से अंजाम दिया। हम अपने जवानों को रोज रोज चारा नहीं बनने दे सकते”।
यहाँ स्पष्ट तौर पर राहुल का इशारा CRPF के कमांडर के बयान की ओर था, जहां उन्होंने इंटेलिजेंस की नाकामी के आरोपों का स्पष्ट खंडन किया था। इसमें कोई दो राय नहीं है कि राहुल गांधी मोदी सरकार को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। राहुल के बयानों से ये भी स्पष्ट है कि उनके लिए छत्तीसगढ़ सरकार स्पष्ट तौर पर निर्दोष है, जबकि भूपेश बघेल के सत्ता संभालने के बाद से नक्सलियों ने फिर से छत्तीसगढ़ में उपद्रव मचाना शुरू किया है।
लेकिन सुरक्षाकर्मियों के बारे में जो राहुल ने बोला, वहाँ पर वे अपनी सीमाएँ लांघ गए। हालांकि, जिस व्यक्ति के लिए सर्जिकल स्ट्राइक सैनिकों के ‘खून की दलाली’ है, उसके लिए देश के सुरक्षाकर्मियों का मखौल उड़ाना कोई नई बात नहीं है। इसके अलावा पुलवामा के हमलों के बाद जिस प्रकार से राहुल गांधी वायुसेना द्वारा जवाबी कार्रवाई में किये गये हवाई हमलों के सबूत मांग रहे थे, और सेना के पराक्रम का मज़ाक उड़ा रहे थे, वो भी किसी से छुपा नहीं है। लेकिन इस बार राहुल की दाल नहीं गली और लोगों ने उनके ओछे बयानों के लिए उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया।
जम्मू कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने राहुल की आलोचना करते हुए कहा, “मिस्टर गांधी, यूं तो मैं राजनीतिक मुद्दों पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं करता। लेकिन आज जो आपने ट्वीट किया था, कश्मीर के अपने अनुभव के नाते मुझे CRPF के दृष्टिकोण से बेहद अपमानजनक लगा। ऐसे स्थिति में लोगों का हताहत होना या मारा जाना अस्वाभाविक नहीं है”।
Mr Gandhi, though I generally refrain from commenting on Political matters, as someone who has lead operations in Kashmir, I find your tweet disrespectful to CRPF. Casualties are unavoidable in operations of such nature against elements supported by hostile neighbors. @crpfindia https://t.co/MZS10E4Dvo
— Shesh Paul Vaid (@spvaid) April 5, 2021
इसमें कोई दो राय नहीं है कि केन्द्रीय प्रशासन नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक युद्ध छेड़ चुका है, और जल्द ही वह नक्सलियों का नामोनिशान इस देश से मिटा देना चाहता है। परंतु जिस प्रकार से राहुल गांधी सुरक्षाकर्मियों का मखौल उड़ा रहे हैं, वह न केवल अपमानजनक है, बल्कि जवानों को हतोत्साहित भी करता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ने इस बार बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी है, और इनके लिए कुछ भी कहना या इन्हें किसी भी प्रकार से दंडित करना कम ही होगा।