सरकारी अव्यवस्था और नागरिक असंवेदनशीलता: असम के सिल्चर एयरपोर्ट पर 300 लोग बिना test के भागे

ऐसे लोगों और अधिकारियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो!

असम

(PC: Newsroom Post)

कोरोनावायरस की दूसरी लहर को लेकर लोगों में डर की स्थिति है। ऐसे में कई राज्यों की सरकारों ने पाबंदियों के साथ ही लॉकडाउन लगा रखा है। वहीं यात्रा तक के नियमों को सख्त किया हुआ  है, लेकिन फिर भी नागरिकों और अधिकारियों की थोड़ी सी लापरवाही जनता पर बहुत भारी पड़ती है। कुछ ऐसी ही लापरवाही असम के सिलचर एयरपोर्ट पर यात्रियों और सरकारी अधिकारियों ने की, और अंजाम ये हुआ कि 300 यात्री बिना कोरोनावायरस का टेस्ट कराए ही एयरपोर्ट से भाग गए। इस लापरवाही को देखते हुए यात्रियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है, वहीं अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

कोविड की दूसरी लहर को देखते हुए हवाई यात्रा को लेकर भी राज्यों ने विशेष प्रबंध किए हैं। इसके अंतर्गत ही असम आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है, लेकिन सिलचर एयरपोर्ट पर एक लापरवाही का मामला सामने आया है, क्योंकि ये एयरपोर्ट काफी छोटा है जिसके चलते यहां आने वाले प्रत्येक यात्री का कोविड टेस्ट पास के सरकारी अस्पताल में किया जाता है। एयरपोर्ट से अस्पताल की दूरी को कवर करने के लिए निःशुल्क बसें भी चलाई़ जा रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की एक लापरवाही ने नई मुसीबत को दावत दे दी है।

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 दरअसल, सिलचर एयरपोर्ट पर हाल ही में कुछ लोग कोरोना वायरस का टेस्ट कराए बिना ही भाग गए और अब सभी 300 लोग गुमशुदा हैं। पुलिस इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। वहीं इस मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर सुमित सतावन ने कहा, “हवाई यात्रियों का पता लगाना आसान है क्योंकि उन्होंने टिकट करवाते समय अपनी पूरी जानकारी पहले ही दी हुई है। हमने एयरपोर्ट अथॉरिटी से उनके डिटेल्स ले लिए हैं और हर एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन है और आपदा प्रबंधन कानून के अंतर्गत उन्हें सजा दी जाएगी। हम सख्त कार्रवाई कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई हवाई यात्री ऐसा करने की कोशिश न करे।”

इस तरह की गैर जिम्मेदाराना हरक़त किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने लायक नहीं है। जो लोग अनपढ़ हों या इस बीमारी से अनभिज्ञ हों, उन्हें तो इस मुद्दे पर बख्शा जा सकता है लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि हवाई यात्रा करने वाले लोग साक्षर हैं। इसके बावजूद इन लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। इन लोगों ने न केवल अपनी जान जोखिम में डाली है, बल्कि अपने संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कोरोनावायरस के ख़तरे में ला दिया है। वही इस पूरे वाकए के बाद सरकारी अधिकारियों की चौकसी की भी पोल खुल गई है।

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ऐसे में आवश्यक है कि असम के सिलचर एयरपोर्ट से भागे सभी 300 यात्रियों के खिलाफ कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर उन्हें सख्त सजा मिले। साथ ही जिन सरकारी अधिकारियों ने इस मामले में लापरवाही का परिचय दिया है, उन्हें भी सबक सिखाया जाए, क्योंकि अधिकारियों की एक छोटी गलती अनेकों अप्रिय घटनाओं की वजह बन सकती है।

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