आज तक को अभी हाल ही में करारा झटका लगा है। न्यूज ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन ने हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत पर कवरेज से संबंधित आज तक की अपील को नकार दिया है, और आज तक को अपनी भ्रामक कवरेज के लिए माफीनामा भी पब्लिश कराना होगा। लेकिन सुशांत सिंह राजपूत से संबंधित आजतक ने ऐसी भी क्या कवरेज की, जिसके कारण उसे इतनी फजीहत झेलनी पड़ रही है?
दरअसल 14 जून 2020 को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। कुछ के अनुसार उन्होंने आत्महत्या की थी, तो कुछ के अनुसार उनकी हत्या की गई थी। लेकिन आज तक ने जो कवरेज की, उसके लिए किसी भी प्रकार की निंदा या अपशब्द कम पड़ेंगे। फर्जी ट्वीट्स, ‘ज़िंदगी के पिच पर हिट विकेट कैसे हुए सुशांत?’ जैसी कवरेज से सुशांत के अनेकों समर्थक समेत देश के अधिकतर लोग उबल पड़े।
इतना ही नहीं, चैनल ने कुछ फर्जी ट्वीट्स भी प्रकाशित किए, जो उनके अनुसार सुशांत सिंह राजपूत के ‘अंतिम शब्द’ थे। News Broadcasters Association के अधिकारियों ने भी इस आपत्तिजनक कवरेज के प्रति आपत्ति जताते हुए जांच पड़ताल की और आज तक को दोषी मानते हुए उन्हे 28 अक्टूबर तक एक स्पष्ट माफीनामा प्रसारित करने को कहा, जिसमें दोनों भ्रामक खबरों [फर्जी ट्वीट और ‘हिट विकेट’] के लिए माफी मांगी जाएँ। इसके साथ ही आज तक पर इस कवरेज के लिए एक लाख रुपाये तक का जुर्माना भी लगाया गया।
आज तक ने सुशांत की ‘आत्महत्या’ से संबंधित कवरेज के लिए माफी तो मांगी, परंतु ट्वीट वाले मुद्दे को लेकर उन्होंने एक शब्द तक नहीं बोला। इस संबंध में आज तक ने अपील भी दायर की, जिसे अब NBSA ने पूरी तरह से ठुकरा दिया है। यानि अब आज तक के पास माफीनामा प्रसारित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
लेकिन ये पहली बार नहीं है जब आज तक ने इस प्रकार की अपमानजनक कवरेज की हो। 2019 में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मारे जा रहे बच्चों के कवरेज के पीछे भी आज तक की काफी किरकिरी हुई थी। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत मामले में जिस प्रकार से मीडिया कवरेज की जा रही थी, उसमें कई चैनल के रुख की काफी आलोचना की गई, जिसमें रिपब्लिक प्रमुख था।
लेकिन आश्चर्यजनक रूप से टीवी टुडे के दोनों चैनल, इंडिया टुडे और Aaj Tak के रिपोर्टिंग पर किसी ने एक प्रश्न तक नहीं उठाया। इसके अलावा राजदीप सरदेसाई ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले में जिस प्रकार से रिया चक्रवर्ती का इंटरव्यू कंडक्ट किया, वो भी आलोचना के केंद्र में रहा।
इसके अलावा जिस प्रकार से किसान आंदोलन से संबंधित भ्रामक खबरें फैलाई गई, उसके लिए भी टीवी टुडे ग्रुप के दोनों चैनलों की जितनी निंदा की जाए, वो कम है। ऐसे में जिस प्रकार से न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने आज तक को सुशांत सिंह राजपूत से संबंधित भ्रामक कवरेज के लिए आड़े हाथों लिया है, वो अपने आप में सराहनीय भी है और आवश्यक भी।
जब तक इन चैनलों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकती, ये फेक न्यूज को लेकर सजग नहीं होंगे।