जहां एक तरफ कोरोना महामारी की मार से देश ग्रसित है, तो वहीं दूसरी तरफ एक उत्साहजनक खबर सामने आई है। पूर्ण रूप से भारत में निर्मित वैक्सीन Biological E ने अपना दूसरा चरण सफलतापूर्वक पार कर लिया है और अब तीसरे चरण के लिए अनुमति मिल गई है। बता दें कि भारत बायोटेक की वैक्सीन COVAXIN के बाद Biological E की वैक्सीन पूर्ण रूप से भारत में निर्मित यह दूसरी वैक्सीन है।
Biological E लिमिटेड ने घोषणा की है कि कंपनी ने भारत में अपने कोविड -19 प्रोटीन subunit वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, “ हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता ने पहले और दूसरे चरण का परीक्षण 18 से 65 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 360 प्रतिभागियों के ऊपर किया था। वैक्सीन लगने के बाद प्रतिभागियों की सुरक्षा और immunogenicity का अध्ययन किया गया।”
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हैदराबाद स्थित Biological E की मैनेजिंग डायरेक्टर महिमा डालता ने कहा कि “हम अपने COVID-19 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण में clinical परीक्षणों की सफलता से प्रसन्न हैं। इन clinical परीक्षणों के परिणाम बहुत सकारात्मक और आशाजनक हैं। हम तीसरे चरण के लिए clinical परीक्षणों में आगे बढ़ रहे हैं। हम आशा करते हैं कि हमारा वैक्सीन एक प्रभावी COVID-19 वैक्सीन बनकर उभरेगा।“
बता दें कि इस वैक्सीन के टीकाकरण में बाकी वैक्सीन की तरह 2 डोज होंगे। Intramuscular injection के माध्यम से दोनों डोज के बीच 28 दिन का फासला होगा।
वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण में 18 से 80 वर्ष के बीच के 1,268 स्वस्थ प्रतिभागियों को पूरे भारत के 15 जगहों से चुना जाएगा। कंपनी अपनी वैक्सीन की immunogenicity और सुरक्षा का अध्ययन का मूल्यांकन करेगी। Biological E के अनुसार कंपनी वैक्सीन प्रभावकारिता का मूल्यांकन न करके, immunogenicity पर ध्यान केंद्रित करेगी।
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में दो वैक्सीन है- COVAXIN और COVISHIELD. इसके साथ ही मई के अंत तक रूसी वैक्सीन स्पूतनिक भी भारत में आ जाएगी। COVISHIELD बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एक और नोवावैक्स वैक्सीन लाने वाली है। भारत बायोटेक का अपना Nasal वैक्सीन भी जल्द ही भारत के बाजार में आने वाला है। ZyCov-Di, वैक्सीन अहमदाबाद स्थित Zydus-Cadila द्वारा विकसित की जा रही है।
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भारत में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी। ऐसे में इतनी ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध होने से टीकाकरण अभियान को बल मिलेगा। साथ ही में टीकाकरण प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के सफलतापूर्वक संपन्न हो जाएगी।