मुख्तार अंसारी जब से उत्तर प्रदेश आया है, तब से उसकी शामत आई हुई है। अब योगी सरकार ने उसकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की पेशकश करते हुए इस दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाए हैं, जिससे मुख्तार के लिए आने वाले दिनों में मुसीबतें और भी बढ़ सकती हैं।
हाल ही में एक समय पर पूर्वांचल में आतंक का पर्याय माने जाने वाले मुख्तार अंसारी को सफलतापूर्वक पंजाब के रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार स्थानांतरित किया गया। अब योगी सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता को खत्म करने की कार्रवाई भी जल्द शुरू हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर कानूनी राय ली जाएगी। इसके लिए पहले ही विधानसभा अध्यक्ष, श्री हृदयनारायण दीक्षित के समक्ष दायर की जाने वाली है। बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
लेकिन मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता कैसे रद्द की जा सकती है? हमारे संविधान में प्रावधान है कि किसी विधानसभा में कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है।
नियम अनुसार, यदि कोई विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने से 60 दिन तक अनुपस्थित रहता है तो आर्टिकल 190 के तहत उसकी सदस्यता खत्म हो सकती है। इस आर्टिकल 190 के अंतर्गत मुख्तार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को भी सदस्यता खत्म करने का आधार यूपी सरकार बनाएगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “अगर कोई सदस्य लगातार 60 दिन अनुपस्थित रहता है तो उसके विरुद्ध माननीय सदन कार्रवाई कर सकता है। अगर इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई याचिका आती है तो उस पर निर्णय होगा। मुख्तार अंसारी 60 दिन से ज्यादा से सदन की कार्रवाई में अनुपस्थित रहा है।”
मुख्तार अंसारी अब यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस पंजाब की रोपड़ जेल से करीब 900 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद आज सुबह साढ़े चार बजे बांदा जेल पहुँची। जेल पहुँचते ही मुख्तार का मेडिकल टेस्ट किया गया। सूत्रों से खबर मिली है कि मुख्तार अंसारी जेल में पहुँचने के बाद खुद चलकर बैरक के अंदर गया। अभी तक वो सिर्फ व्हील चेयर पर दिखाई दे रहा था।
ऐसे में अब मुख्तार अंसारी के दिन लदने वाले हैं। योगी सरकार ने पहले ही उसकी कई अवैध संपत्तियाँ ध्वस्त की हैं, और आने वाले दिनों में मुख्तार अंसारी के लिए मुसीबतें अभी और बढ़ने वाली हैं। एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है – कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।