पैसे दो, क्वारंटीन माफ – मुंबई में BMC का पैसा कमाने का घिनौना खेल

बेहद शर्मनाक!

बीएमसी

देश में जहां कोरोनावायरस के संक्रमण बढ़ने के साथ ही सख्तियों और पाबंदियों का दौर वापस आ रहा है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर लापरवाही के सिलसिले में एक नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आश्चर्यजनक बात ये है कि ये लापरवाही का मामला उस बीएमसी की तरफ से सामने आया है जिस पर इस वक्त सबसे ज्यादा सख्ती अपनाने जिम्मा है। बीएमसी को लेकर कहा जा रहा है कि वो विदेशी लोगों को दस हजार रूपए के बदले क्वारंटीन की मियाद से मुक्ती प्रदान कर रही है। ऐसे वक्त में जब सख्ती बरतनी चाहिए तब बीएमसी अपना बिजनेस बढ़ाने की कोशिश में है।

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए ये फैसला किया गया है कि ब्रिटेन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीका जैसे देशों से भारत आए यात्रियों को 7 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। नियमों के अनुसार 65 वर्षीय लोगों के अलावा 5 साल से कम उम्र से लेकर गर्भवती महिलाओं तक को होम आईसोलेशन में रहना होगा, शेष सभी लोगों को राज्य में एंट्री के लिए 7 दिन के क्वारंटीन का चरण पार करना होगा, लेकिन बीएमसी के अधिकारी ये सारे नियम तोड़ रहे हैं।

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दरअसल, आने वाले यात्रियों की पहचान को लेकर बीएमसी ने अधिकारियों की टीमें मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात कर रखी हैं, लेकिन मिड डे की रिपोर्ट खुलासा करती है कि अधिकारियों ने इस नियम में झोल करके पैसा कमाने की नीति पर चलना उचित समझा है। मिड डे के पत्रकारों की दो टीमों ने बीएमसी अधिकारियों के इस काले कारनामे का खुलासा किया है जो अब बीएमसी समेत पूरे मुंबई और महाराष्ट्र के प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है।

बीएमसी के ये अधिकारी बाहर से आए लोगों को बिना क्वारंटीन किये उनके घर और होटल तक पहुंचाने के लिए 10, 11 हजार रुपए की मांग करते हैं। रिपोर्टरों ने गल्फ से आई एक महिला को बिना क्वारंटीन के छोड़ने की बात कही, तो सामने आया कि बीएमसी के अधिकारी एक खास होटल चुनने की बात करते हैं, जिसके बाद लोगों को होटल में ले जाया जाता है और फिर होटल से कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यात्री को थोड़ी दूर ले जाकर बीच राह में ही छोड़ दिया जाता है।

मिड डे की पड़ताल में बीएमसी का अधिकारी साफ बताता है कि पहले यात्री को होटल ले जाया जाता है और फिर थोड़ी देर बाद पैसे देने पर उसे छोड़ दिया जाता है। रिपोर्टर ने जब इस प्रक्रिया के तहत अपनी बहन को वापस छोड़ने की बात कही तो अधिकारी ने बताया कि इसके लिए कुल 11 हजार रुपए खर्च होंगे। ऐसे में बीएमसी की मिली भगत को लेकर जब रिपोर्टर ने सवाल किया तो अधिकारी ने कहा कि बीएमसी के लोग होटल में आकर वसूली करते हैं और चले जाते हैं क्योंकि होटल वालों की बीएमसी के साथ सेटिंग रहती हैं।

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वहीं, इस मुद्दे पर जब खुलासे के बाद बीएमसी से पूछताछ की गई तो बीएमसी ने इन सभी बातों को नकार दिया है। इस मामले में बीएमसी अधिकारी पराग मसूरकर का कहना है कि मिड डे की रिपोर्ट के बाद वह यात्रियों के नाम के साथ अपने रिकॉर्ड और होटलों की डीटेल्स खंगाल रहे हैं। किसी भी प्रकार का भ्रष्टारचार मिलने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे पर बीएमसी से लेकर महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी एक दूसरे पर सारा  ठीकरा फोड़ रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर हुए इस खुलासे के बाद मुंबई में बीएमसी की जमकर फजीहत हो रही है।

महाराष्ट्र में पहले ही कोरोनावायरस को लेकर बुरी स्थिति हैं, यहा पिछले 24 घंटों में 50 हजार के अधिक  मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद सख्ती तो छोड़िए बीएमसी के अधिकारी इस बुरे वक्त में पैसा कमाने की नीयत से घोटाला कर रहे हैं जो कि महाराष्ट्र समेत पूरे देश में कोरोना के प्रसार की एक बड़ी वजह बन सकता है, लेकिन इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सीएम से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही हैं।

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