चीन ने इस वर्ष ताबड़तोड़ पेटेंट के लिए अप्लाई किया, पर कोई चीनी स्टार्टअप में निवेश करने को तैयार ही नहीं है

Patents

Chinese President Xi Jinping listens to French Minister for Foreign Affairs Jean-Marc Ayrault during their meeting in Beijing on October 31, 2016. / AFP PHOTO / FRED DUFOUR

वर्ष 2020 में बढ़ते कोरोनावायरस के दौरान भी चीनी कंपनियों ने दुनियाभर में सबसे ज़्यादा Patents के लिए आवेदन किए। चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2020 में चीनी सरकार ने करीब 5 लाख 30 हज़ार Patents के लिए अधिकार प्रदान किए, जो कि वर्ष 2020 के मुक़ाबले 17 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही चीन ने पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय Patents के लिए करीब 68 हज़ार Patents के लिए आवेदन किया, जो कि वर्ष 2019 के मुक़ाबले 16 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इसके बावजूद चीन अपने यहाँ नए निवेशक आकर्षित करने में विफ़ल साबित हो रहा है। यह दर्शाता है कि चीनी Tech सेक्टर पर जारी चीनी सरकार के Crackdown के बाद चीनी अर्थव्यवस्था और टेक सेक्टर की हालत ऐसी है कि रिकॉर्ड नए आविष्कारों के बावजूद देश की कंपनियों में निवेश करने को लेकर निवेशक इतने उत्सुक नहीं हैं।

Patents से संबन्धित रिकॉर्ड आंकड़ों से प्रभावित होकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Wang Wenbin ने एक बयान देते हुए कहा “चीन अब Intellectual Property Rights आयात करने वाले देश की बजाय Intellectual Property Rights निर्यात करने वाला देश बन रहा है”। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरह निवेशक इन आंकड़ों को लेकर बिलकुल भी उत्साहित नहीं हैं। चीनी टेक सेक्टर में वर्ष 2020 से ही निवेश कम होता गया है। हालांकि, पिछले वर्ष के अंत में जिस प्रकार चीनी सरकार ने खुलेआम अपने यहाँ उद्योगपतियों पर कैंची चलाना शुरू किया और टेक कंपनियों पर कार्रवाई की, उसने निवेशकों के आत्म-विश्वास को जोरदार झटका दिया है।

Nikkei Asia की एक रिपोर्ट के अनुसार फरवरी महीने से ही Hong-Kong के निवेशक चीनी टेक कंपनियों की नई listings में निवेश करने को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखा रहे हैं, कारण है कि चीनी सरकार का टेक सेक्टर पर crackdown! इतना ही नहीं, वर्ष 2020 के आंकड़े तो और ज़्यादा चिंताजनक हैं। South China Morning Post की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 की पहली तिमाही में चीन के टेक सेक्टर में निवेश में करीब 31.3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी। वर्ष 2019 की पहली तिमाही में चीनी टेक सेक्टर में 173 बिलियन युआन का निवेश किया गया था, जबकि उसी दौरान वर्ष 2020 में निवेश 119 बिलियन युआन तक गिर गया।

यानि कोरोना के कारण चीनी टेक सेक्टर पहले ही दबाव में था। हालांकि, अब चीनी उद्योगपति जैक मा और चीनी सरकार के बीच तनाव के बाद चीनी सरकार के Crackdown के कारण चीनी टेक सेक्टर दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। चीन में नए-नए आविष्कार तो हो रहे हैं, लेकिन उन्हें अब नए निवेशक नहीं मिल पा रहे हैं, जो कि चीन में Innovation के स्तर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

चीनी सरकार दावा कर रही है कि उसकी अर्थव्यवस्था इस साल तेजी से रिकवर कर रही है। हालांकि, यह भी सच है कि चीन का बैंकिंग सेक्टर कमजोर हो चुका है और पिछले वर्ष ही चीन की करीब 23 लाख कंपनियों को अपने operations बंद करने पड़े हैं। साथ ही मार्च महीने की शुरुआत में चीनी Stock Market में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी। दिसंबर के बाद चीनी Stock Market अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। महीने की शुरुआत में चीन का CSI Index धड़ाम से नीचे गिरा था, जिससे स्पष्ट है कि शंघाई और शेनज़ेन की बड़ी कंपनियाँ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं। ऐसे में चाहे चीन के innovators अपने innovation के बल पर कितनी ही वाहवाही बटोर लें, लेकिन जब तक जिनपिंग चीन का आर्थिक वातावरण बेहतर नहीं करते हैं, तब तक इन Patents का चीन को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।

Exit mobile version