चीन को अपनी बेइज्जती करा कर मज़ा नहीं आया, अब वह कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ करना चाहता है

POK के जरिए कारगिल के इलाके पर रोड बनाने का है इरादा

पड़ोसी मुल्क चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज आने वाला नहीं है। लद्दाख में भारतीय सेना से अपनी भद्द पिटवाने के बावजूद अब चीन भारत के साथ फिर से कपट करने की नीति पर चलने लगा है, और इसीलिए अब पाकिस्तान की मदद से वो भारत के लिए महत्वपूर्ण माने जाने कारगिल क्षेत्र पर अपनी बुरी नजर डालने लगा है। चीन पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए भारतीय कश्मीर के स्कार्दू को कारकोरम हाईवे से जोड़ने की तैयारी कर रहा है।

इसके जरिए चीन भारत को कारगिल में परेशान करने की तैयारी करता दिख रहा है। पिछले एक साल में चीन कोरोनावायरस के कारण वैश्विक स्तर पर काफी आलोचनाओं का सामना कर चुका है। ऐसे में वो भारत के साथ गतिरोध की स्थिति पैदा कर दुनिया का ध्यान भटकाने की तैयारी कर रहा थाट, लेकिन भारतीय सेना ने लद्दाख में उसके द्वारा बनाए गए प्लान की धज्जियां उड़ा दीं थी, लेकिन एक कहावत है न कि कुत्ते की दुम कभी सीधी तो नहीं हो सकती। चीन के साथ भी कुछ वैसा ही हो रहा है, क्योंकि वो अब भारत को परेशान करने के लिए एक नया बचकाना जुगाड़ लेकर आया है। दरअसल, चीन ने पाकिस्तान के पंजाब के हसन अब्दाल से काराकोरम हाईवे का 1959 में निर्माण करवाया था और इसे 1979 से यातायात के लिए खोल दिया गया था।

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अब चीन और पाकिस्तान इसी हाईवे की चौड़ाई को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। जी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान बेहद महत्वपूर्ण गिलगिट-स्कार्दू सड़क को चौड़ा करने काम सितंबर तक पूरा करने की तैयारी में है। इस कदम के बाद पूरे क्षेत्र में भारत की मुसीबतों में इजाफा हो सकता है क्योंकि इससे चीन की फौज का भारतीय सीमा के पास आना काफी आसान हो जाएगा। खबरों के मुताबिक 3.5 मीटर वाली चौड़ाई की इस सड़क को दोगुने से भी ज्यादा 7.5 मीटर की चौड़ाई तक का बनाया जा रहा है। इस कुकर्म का मुख्य मकसद ये है कि बड़ी फौजी गाड़ियां आसानी से इस सड़क पर चलाई जा सकें।

इतना ही नहीं सेना के लिए सुविधाओं को देखते हुए इस रोड के सभी तीखे मोड़ों को भी चौड़ा किया जा रहा है। 167 किलोमीटर लंबी इस हाईवे की सड़क को टैंक, तोपें जैसे बड़े हथियार आसानी से ले जाने के काबिर बनाया जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान और चीन के इरादे भारत के लिए कुछ खास बदले नहीं हैं। वहीं एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि भारतीय सेना के लिए स्कार्दू पाकिस्तान पर हमेशा नजर गढ़ाने का केंद्र रहा है क्योंकि इस रास्ते का इस्तेमाल पाकिस्तान ने हर युद्ध में किया है और पाकिस्तान की पल-पल की खबर भारत के पास आ जाती है।

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ऐसे में पाकिस्तान की हार रणनीतिक स्तर पर ही हो जाती थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं, क्योंकि चीन और पाकिस्तान दोनों कपटी देश भारत का अहित सोचने वाले हैं और ये अब पीओके के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। चीन ने कुछ इसी तरह विकास कर लद्दाख के इलाकों में अपना कब्जा जमाने की कोशिश की थी, जिसका अंजाम ये था कि उसके मासूम कमजोर सैनिकों को भारतीय जवानों ने लद्दाख की जनवरी वाली ठंड में जबरदस्त सजा दी थी।

यही कारण हे कि चीन अपनी इज्जत बचाकर लद्दाख से भागना चाहता है। दिलचस्प बात ये है कि लद्दाख में मुंह की खाने के बाद अब एक बार फिर चीन भारत से लोहा लेने की हिमाकत कर रहा है और उसके निशाने पर कारगिल का इलाका है। ऐसे में पाकिस्तान और चीन अए मंसूबे तो बेहद सटीक हैं लेकिन इस मामले में भारतीय सेना उनसे कहीं ज्यादा आगे है। इसलिए माना जा रहा है कि ये दोनों देश एक बार फिर तगड़ी फटकार खाएंगे।

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