पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने अपने जनाधार के विस्तार के लिए पिछ्ले सात सालों में युद्धस्तर पर काम किया है। 35 सालों तक लेफ्ट के शासन के बाद TMC का गढ़ बन चुके बंगाल में बीजेपी ने सेंधमारी कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नींदें उड़ा रखी है। बीजेपी की सफ़लता की एक ऐसी ही कहानी कूचबिहार की लोकसभा सीट है, जिसके अंतर्गत आने वाली 9 सीटों का गणित बीजेपी ने ममता के लिए पूरी तरह बिगाड़ दिया है। इस खेल में बड़ी भूमिका क्षेत्र के राजवंशी समुदाय की है, जो इस बात का संकेत देने लगा है कि इस क्षेत्र की 9 विधानसभा सीटों पर बीजेपी TMC का सूपड़ा साफ करने वाली है।
कूच बिहार के इस क्षेत्र में आने वाली सभी 9 विधानसभा सीटों पर राजवंशी समुदाय को निर्णायक माना जाता है। ऐसे में TMC से लेकर बीजेपी सभी इस समुदाय को अपने पाले में लाने की कोशिशें कर रही है, लेकिन लोकसभा चुनावों के परिणाम दर्शाते हैं कि अब ये इलाका बीजेपी का गढ़ बन चुका है। 2016 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो इस क्षेत्र की कुल 9 में से 8 विधानसभा सीटों पर TMC का कब्जा था लेकिन फिर गेम ही पलट गया।
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2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने इस क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, और कूचबिहार की लोकसभा सीट जीत ली थी। चुनावों के नतीजे बताते हैं कि इस क्षेत्र की लगभग 7 सीटों पर बीजेपी की मजबूत पकड़ है जिसकी संख्या विधानसभा चुनावों में बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। बीजेपी की इस सफलता के पीछे क्षेत्र के राजवंशी समुदाय के लोगों का बीजेपी को मिला समर्थन है, और यही राजवंशी समुदाय बीजेपी के लिए सफ़लता की नई कहानी लिखने के संकेत दे रहा है।
बीजेपी ने इस समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए अपने कोर एजेंडों का सहारा लिया है, जिसमें एनआरसी का मुद्दा भी शामिल है। बंगाल में घुसपैठियों की तादाद से ये राजवंशी समुदाय परेशान है, और बीजेपी द्वारा एनआरसी का मुद्दा उठाया जाना इन लोगों को रास आ रहा है। यही कारण है कि बीजेपी को इस समुदाय का भावनात्मक रूप से अंधाधुंध समर्थन मिल रहा है। दूसरी ओर ओर सत्ताधारी TMC इस समुदाय के बीच बीजेपी को बाहरी पार्टी बताकर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश तो करती रहीं है, लेकिन उसका नतीज़ा वही ढाक के तीन पात रहा है।
इस समुदाय के लोगों को अपने पाले में लाने के लिए एक तरफ जहां ममता दीदी नारायणी सेना के गठन की बात कर रही हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने अर्द्धसैनिक बल में नारायणी सेना बटालियन का ऐलान किया है। ये दर्शाता है कि कोई भी इस समुदाय को लुभाने में पीछे नहीं रहना चाहता है। पिछले चुनाव के गणित और वर्तमान में बीजेपी की लहर को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर TMC का सूपड़ा साफ कर सकती है।
यदि बीजेपी कूच बिहार की इन 9 विधानसभा सीटों पर क्लीन स्वीप जैसा कोई कारनामा करने में कामयाब होती है तो ये बीजेपी के लिए बंगाल की सत्ता पाने की राह को अधिक आसान करेगा, क्योंकि इन सीटों के परिणाम अन्य सीटों को भी प्रभावित करने का संकेत देंगे, क्योंकि राजवंशियों का 15 सीटों पर तगड़ा दबदबा है।