जितना 25 सालों में नहीं किया, उतना कोरोना काल में कर लिया- ईसाई धर्मांतरण एजेंट का खुलासा

सरकार को धर्मांतरण रोकने के लिए उठाने होंगे सख्त कदम

धर्मांतरण

धर्मांतरण एक ऐसा मुद्दा है, जिससे निपटने में भारत सरकार आज तक कामयाब नहीं हो सकी है। स्वतंत्रता से पहले जिस तरह अंग्रेजों ने धर्मांतरण करवाया था, उसी तरह से आज भी धर्मांतरण जारी है। हाल में ही एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ईसाई धर्मांतरण एजेंट ने दावा किया है कि जितना धर्मांतरण पिछले पच्चीस सालों में नहीं किया, उतना कोरोना-काल में कर लिया है।

धर्मांतरण करने वाले अनफोल्डिंग वर्ड के अध्यक्ष और सीईओ डेविड रीव्स ने दावा किया है कि भारत में जीसस का प्रभाव बढ़ रहा है और चर्च मजबूत हो रहे हैं। उनका मानना है कि भारत में चर्च बैठाने वाले पार्टनर्स ने अप्रत्याशित खुशखबरी दी है। उन्होंने बताया कि कोविड साल 2020 के दौरान उन्होंने पिछले 25 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक चर्चों को प्लांट किया है।

उन्होंने कहा, “वहां(भारत) ईसा मसीह के लिए हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं और उस वजह से घर के चर्च सभी जगह पर बढ़ रहे हैं।” अनफोल्डिंग वर्ड ईसा मसीह के कहे हुए शब्दों को कई भाषाओं में अनुवाद करने वाली संस्था है। यह संस्था भारत में इसी काम करने में लगी हुई है। भारत में COVID-19 प्रतिबंधों ने कई विश्वासियों को एक मुश्किल स्थिति में डाल दिया, लेकिन यह अनफोल्डइंग वर्ड के चर्च लगाने वाले साझेदारों के नेटवर्क के लिए बेहतरीन साल साबित हुआ।

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रिपोर्ट के अनुसार, रीव्स के एक साथी ने बताया कि वे लॉकडाउन के दौरान दूसरों के साथ नहीं मिल सकते थे, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वे फोन और व्हाट्सएप पर लोगों को जोड़ने का प्रयास करेंगे। रीव्स के पार्टनर ने बताया कि वे इस तरीके के परिणामस्वरूप लॉकडाउन के दौरान लगभग 100,000 धर्मांतरण करने में सफल रहे। इसी तरह, चर्च प्लांटिंग के लिए उन्होंने प्रत्येक चर्च को 10 विशिष्ट गांवों के आस-पास प्रेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया।

फिर, जैसे ही लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिली, वे इन क्षेत्रों में जा कर अपने धर्मांतरण के कार्य में लग गये। उनका अनुमान है कि चर्च लॉकडाउन के दौरान लगभग 50,000 गांवों तक अपनी पहुंच बढ़ाने में सफल रहे। अब इनमें से 25% Gospal के लिए तैयार हैं। कुछ विश्वासियों के घर में भी एक छोटे से चर्च की स्थापना कराई गयी है। धर्मांतरण करने वालों ने बताया कि, “यह धर्मांतरण की संख्या पूर्व-COVID की तुलना में बहुत अधिक है।”

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गौरतलब है कि इसी तरह की एक संस्था है Mission India, जो भारत की गरीबी का फायदा उठाकर लगातार धर्मांतरण कर रही है। कोरोना काल में इन सभी संस्थाओं को लोगों तक अपने धर्म के प्रचार का खूब मौका मिला, जिससे वह बड़ी संख्या में धर्मांतरण करने में सफल रहे। Mission India तो खुलेआम चर्च लगाने वालों की ट्रेनिंग दे रहा है। साथ ही 10-Day Children’s Bible Clubs के जरिये युवाओं को धर्मांतरण करने के लिए लालच दे रहा है।

जिस तरह से ये संस्थाएं अपने पांव पसार रही हैं, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह दिन दूर नहीं, जब धीरे धीरे ये धर्मांतरण का जहर पूरे देश में फ़ैल जायेगा। कई राज्य Anti-Conversion कानून लाये हैं, लेकिन यह काफी नहीं है। केंद्र सरकार ने इन संस्थानों की फंडिंग रोकने के लिए FCRA कानून को भी और मजबूत बनाया है, लेकिन फिर भी धर्मांतरण रिकॉर्ड स्तर पर हो रहा है। अब मोदी सरकार को कोई सख्त कदम उठाने होंगे जिससे इस जहर को और अधिक फैलने से रोका जा सके।

 

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