झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री VIP ट्रीटमेंट लेते रहे, बाहर Covid से जूझते मरीज़ ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया

शर्मनाक! इनपर तुरंत कार्रवाई हो!

स्वास्थ्य मंत्री

देश में चीन से उत्पन्न हुए कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है और कोरोना बहुत जल्दी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है। इसके वाबजूद भी कुछ राज्यों का रवैया ऐसा है, जहां कोविड मरीज की मौत से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। ऐसा ही एक राज्य है झारखंड, जहां से बेहद दुखदायी घटना सामने आई है।

झारखंड में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से वहां की व्यवस्था रामभरोसे है। कोरोना वायरस के मामले में स्थिति और भी ज्यादा खराब है, लेकिन हद तो तब हो गई, जब इलाज के अभाव में अस्पताल के सामने एक कोविड मरीज की मौत हो गई। इससे भी ज्यादा दुखदायी बात यह थी कि यह घटना तब हुई, जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उस अस्पताल का निरीक्षण करने आए हुए थे।

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यह घटना झारखंड की राजधानी रांची की है, जहां राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता PPE किट में अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे। इसी दौरान सदर अस्पताल में एक मरीज पवन गुप्ता की हालत काफी खराब थी और उनकी बेटी डॉक्टरों से गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी।

पवन गुप्ता की हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही थी, लेकिन एक बार भी अस्पताल के कर्मचारियों ने उनकी सुध नहीं ली। यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री भी पवन के सामने से गुजर गये, जिसके कुछ समय बाद पवन गुप्ता ने दम तोड़ दिया। बदहवास बेटी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा, “इन नेताओं को सिर्फ वोटों से मतलब है, वोट मांगने के लिए तुरंत हाजिर हो जाते हैं, अब क्या ये मेरे पिता को वापस ला सकते हैं ?”

वहीं इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि सरकार की लापरवाही की वजह से एक बेटी ने अपने पिता को खो दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण इस बेटी ने अपने पिता को खो दिया है।

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 यह तो सिर्फ एक उदाहरण है, जबकि वास्तव में झारखंड के अन्य जिलों का हाल भी कुछ बेहतर नहीं है। अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में लोग कोरोना से कम और प्रशासन की बेरुखी की भेंट अधिक चढ़ रहे हैं। अगर केंद्र सरकार ने स्थिति जल्दी नहीं संभाली, तो कुछ लोगों की अकर्मण्यता के कारण एक बार फिर कोरोना देश को आर्थिक और सामाजिक तौर पर निगल सकता है।

 

 

 

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