पश्चिम बंगाल के बीरभूम में निष्पक्ष चुनाव के लिए EC ने TMC नेता अनुब्रत मंडल को किया नजरबंद

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन पिछले सभी चुनावों की तरह इस विधानसभा चुनाव के सभी चरण हिंसात्मक गतिविधियों से परिपूर्ण रहे हैं, चुनाव आयोग ने बड़े प्रयास किए लेकिन राजनीतिक हिंसा छुटपुट ही सही, लेकिन हुई जरुर। ऐसे में अंतिम चरण के मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की धमकियों के बावजूद उनके प्रिय नेता सुब्रत मंडल को ही नजरबंद कर दिया है। वो अब 30 अप्रैल तक कहीं भी आ जा नहीं सकतें हैं। ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है, इससे पहले भी उनके खिलाफ चुनाव आयोग एक्शन लेक चुका है।

ममता बनर्जी ने अनुब्रत की नजरबंदी को लेकर बयान दिया था, कि अगर चुनाव आयोग इस तरह की कोई कार्रवाई करता है, तो आयोग के फैसले के खिलाफ वो खुद कोर्ट जाएंगी। वहीं अब इस मामले में चुनाव आयोग ने सख़्त रुख अपनाया है, और कहा है कि अनुब्रत मंडल 27 अप्रैल शाम पांच बजे से 30 अप्रैल सुबह सात बजे तक नजरंदाज रहेंगे। चुनाव आयोग के इस फैसले को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अंतिम चरण के मतदान शुरू होने से पहले एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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चुनाव आयोग ने अनुब्रत मंडल से संबंधित इस मामले एक विशेष आदेश जारी करते हुए लिखा, “वीरभूमि डीईओ और एसपी की ओर मिली रिपोर्ट्स के आधार पर निर्देश जारी किए जाते हैं कि, 27 अप्रैल की शाम 5 बजे से 30 अप्रैल की सुबह 7 बजे तक, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बीरभूम के टीएमसी अध्यक्ष अणुब्रत मंडल को ‘कार्यकारी मजिस्ट्रेट और सीएपीएफ की कड़ी निगरानी में रखें।” स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात कर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के नेता को तगड़ा झटका दे दिया है, क्योंकि ये दिखाता है कि टीएमसी राजनीतिक हिंसाओं की जिम्मेदार है।

बात अगर अनुब्रत मंडल की करें तो वो बीरभूम जिले के टीएमसी जिलाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही उन्हें टीएमसी का सबसे बड़ा बाहुबली नेता माना जाता है, जो कि अपने दम पर‌ इलाके में चुनावों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में उन्हें इस इलाके में टीएमसी के लिए गेम चेंजर के रूप में माना जाता है। हाल ही में उन्होंने एक विवादित बयान दिया था, कि 2011 में भी हत्या हुई थी, 2014 में हत्या हुई थी, 2019 में एक हत्या हुई थी और अब 2021 में फिर से एक हत्या होगी।

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लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग ने उन्हें नजरबंद किया था, और इसी के चलते अब टीएमसी के इस नेता अनुब्रत मंडल पर हिंसक और बाहुबली होने का ठप्पा लग गया है। इसीलिए लिए अब चुनाव को शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए अपने लोकसभा चुनाव के फ़ैसले को दोहराया है।

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