MVA के काले कारनामों को उजागर कर रहे देवेन्द्र फडणवीस के पीछे पड़ी उद्धव सरकार

देवेन्द्र फडणवीस को रेमडेसिविर मामले में फंसाने की चाल

जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी है तब से कोई न कोई भ्रष्टाचार की खबर लगातार सामने आ रही है। इन भ्रष्टाचारों को एक्सपोज करने में सबसे आगे पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस हैं। चाहे वो कोरोना पर मिसमैनेजमेंट को या सचिन वझे का मामला हो या परमवीर सिंह का मामला हो या अभी सामने आये रेमडेसिविर का मामला हो, सभी को एक्सपोज करने में अगर किसी ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है तो वो देवेंद्र फडणवीस ही हैं।

इसीलिए अब उद्धव की महाविकास अघाड़ी ने उन्हें ही रेमडेसिविर मामले में फंसाने की चाल चली है जिससे वे और अधिक खुलासे न कर सके और इसमें साथ दे रहे हैं कांग्रेस के साकेत गोखले।

दरअसल, रेमडेसिविर मामले में Bruck Pharma के अधिकारीयों की पूछताछ के लिए गिरफ़्तारी के बाद देवेन्द्र फडणवीस का पुलिस स्टेशन पहुँचकर उद्धव सरकार को एक्सपोज करने के बाद MVA सरकार ने आरटीआई कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता साकेत गोखले के साथ मिलकर शिकायत दर्ज करायी है।

रिपोर्ट के अनुसार साकेत गोखले ने महाराष्ट्र सरकार के दिलीप वालसे पाटिल के साथ मिल कर भाजपा और देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। उनका आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा ने Bruck Pharma के माध्यम से खरीदे गए रेमेडीसविर की अवैध जमाखोरी की है।

इससे पहले द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फडणवीस 18 अप्रैल की देर रात बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस कार्यालय पहुंचे, जहां ब्रुक फार्मा के अधिकारियों को हिरासत में लिया गया था और उनसे पूछताछ की थी। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस को बताया कि ब्रुक के पास इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए “सभी अनुमति” थी और कहा कि अधिकारी को “अचानक” उठाया गया था।

साथ पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र पुलिस दमन स्थित रेमडेसिविर सप्लायर को सिर्फ इसलिए परेशान कर रही है क्योंकि वहां का सप्लायर भाजपा नेताओं के अनुरोध पर राज्य को रेमडेसिविर का स्टॉक देने पर राजी हो गया था। हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ दिया है। पुलिस का कहना है कि दवा की कालाबाजारी ना हो इसलिए वह बस स्टॉक की जांच के लिए निकले थे।

यानी इसी से स्पष्ट होता है कि फेक न्यूज़ फ़ैलाने वाले साकेत गोखले के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे की सरकार किसी भी तरह देवेन्द्र फडणवीस को फंसना चाहती है जिससे वे MVA सरकार के भ्रष्टाचारों का खुलासा न कर पाए।

बता दें कि इससे पहले मुकेश अम्बानी के घर पर SUV में बम रखने के मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने विधानसभा में उद्धव ठाकरे को ही घेर लिया था, और उनके वाझे के साथ संबंधों को लेकर बड़ा खुलासा किया था, जिसका नतीजा ये हुआ है कि इस मामले में अब उद्धव सरकार को सचिन वाझे के सिर से अपने संरक्षण के हाथ पीछे खींचने पड़े हैं और वाझे पर अब ताबड़तोड़ कानूनी कार्रवाई हो रही है।

देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक से भरी कार के मुद्दे पर मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी सचिन वाझे का गिरफ्तार होना और मुंबई पुलिस कमिश्नर के ट्रांसफर के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से प्रति माह 100 करोड़ रुपए की उगाही का आरोप लगाना, महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए एक बुरा धब्बा बन गया है। इन सभी खुलासों के पीछे देवेन्द्र फडणवीस का ही हाथ है। यही नहीं उन्होंने ही मुंबई मेट्रो निर्माण के विषय पर महाराष्ट्र के वर्तमान प्रशासन की कलई खोली थी।

इससे यह स्पष्ट होता है कि देवेन्द्र फडणवीस ने एक कुशल विपक्षी नेता की सभी ज़िम्मेदारियाँ बखूबी निभाई है। परन्तु उद्धव सरकार को यह रास नहीं आ रहा है और उन्हें फंसाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। हालाँकि इस बार बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी साकेत गोखले के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।

उन्होंने ट्वीट कर बताया कि ओशिवारा पुलिस स्टेशन में साकेत गोखले के खिलाफ, दहशत फैलाने और झूठी सूचना फैलाने की शिकायत दर्ज की गई है। साथ ही उन्होंने महामारी के दौरान राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अब देखना है कि क्या कार्रवाई होती है।

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