पाक सेना में पड़ी बड़ी फूट, सैनिकों और इस्लामिस्टों के हाथ मिलाने से इमरान-बाजवा का स्वाहा होना तय

पाक सैनिक इमरान से खुश नहीं! दूसरी ओर इमरान खान बाजवा का प्यादा है! अब गृह युद्ध की आग में दोनों का राख़ होना तय

इमरान

(PC: Hindustan Times)

पड़ोसी मुल्क में गृह युद्ध की स्थिति है। कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाक आर्मी और पुलिस के जवान भी प्रधानमंत्री इमरान खान‌ के खिलाफ हो‌ गए ‌हैं जो दिखाता है कि पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी आर्मी के सैनिक इमरान ख़ान के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सवाल यही उठता है कि नियाज़ी इमरान खान तो खुद पाक आर्मी चीफ़ कमर जावेद बाजवा के करीबी या कठपुतली हैं। पाक आर्मी में ही इमरान के खिलाफ विद्रोह दिखाता है कि जिस तरह से जिया उल हक के वक्त में पाक आर्मी में फूट पड़ी थी, ठीक वैसी ही स्थिति एक बार फिर पाक आर्मी चीफ बाजवा के सामने आकर खड़ी हो गई जो कि पाकिस्तान के लिए बेहद मुश्किल भरी घड़ी है।

पाकिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति की शुरुआत फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने के मुद्दे पर शुरु हुई। इस मामले में जब पाक सेना ने प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया साद रिज़वी को गिरफ्तार कर लिया तो पूरे देश में विद्रोह भड़क गया। इस मुद्दे पर सरकार का विरोध करते हुए जनता और कट्टरपंथी मौलाना सड़क पर आतंक का तांडव मचा रहें हैं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही ये लोग पूरे मुल्क में में कट्टरता की आग फैला रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि इस मुद्दे पर सेना में भी दो फाड़ की स्थिति आ गई हैं क्योंकि इन कट्टरपंथियों के साथ सेना के जवान भी शामिल हो गए है।

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सेना के जवान सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपलोड कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो बनाते हुए पाक आर्मी के एक जवान ने कहा, मैं अपने आर्मी चीफ से अपील करता हूं कि इमरान खान को रोका जाए वरना पाकिस्तानी सेना के अंदर चिंगारी भड़केगी और फिर तहरीकइंसाफ और इमरान का नाम लेने वाला कोई नहीं होगा। इस शख्स ने बेहद ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि पाकिस्तान से फ्रांसिसी राजदूत को बाहर निकाल दिया जाए, वरना स्थिति भयावह होगी.

कुछ ऐसा ही एक अन्य वीडियो में भी दिखा जिसमें करीब 87 पुलिसकर्मियों ने हथियारों के साथ कट्टरपंथी संगठन TLP का दामन थाम लिया है जो दिखाता है पाकिस्तान में सब कुछ पूर्णतः अस्त-व्यस्त हो चुका है। ऐसे एक नहीं बल्कि अनेकों वीडियो देखने को मिल‌ रहे हैं, जहां पाकिस्तानी आर्मी के जवान पाक आर्मी चीफ से इमरान खान पर‌ कार्रवाई की मांग कर‌ रहे हैं। असल‌ में ये विरोध इमरान खान के खिलाफ कम और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के खिलाफ ज्यादा हो गया है क्योंकि इमरान खान तो खुद पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की कठपुतली ही हैं।

अगर बाजवा चाहें तो इमरान सरकार की धज्जियां उड़ा सकते हैं। इमरान खान के हर फैसले में बाजवा‌ की भूमिका मुख्य तौर पर होती है। ऐसे में जो आर्मी के जवान इमरान का विरोध कर बाजवा से कार्रवाई की मांग कर रहें हैं, असल में वो लोग‌ मुख्य तौर पर कमर जावेद बाजवा के खिलाफ ही हैं, और ये बाजवा के लिए भी मुश्किल की घड़ी है। कुछ इसी तरह की स्थिति एक वक्त पाक आर्मी चीफ जिया उल हक के खिलाफ भी हुई थी। पाकिस्तान को इस्लामिक कट्टरता की ओर झोंकने वाले जिया उल हक के समय में भी देश ने ऐसी ही स्थिति देखी थी, जो कि देश को अनेकों साल पीछे घसीट कर ले गईं थीं।

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आज की स्थिति की बात करें तो इस्लामिक कट्टरता के लिए ही कुख्यात पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा, दोनों के खिलाफ विद्रोह है, जबकि दोनों ही एक ही सिक्के के अलग-अलग पहलू हैं। ऐसे में पुलिस से लेकर आर्मी तक के जवानों का बाजवा के खिलाफ बोलना दर्शाता है कि पाकिस्तानी आर्मी में एकता खत्म हो चुकी है स्थिति हद से ज्यादा बदतर हो चुकी है।

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