भारत में Oxygen की खपत बहुत तेजी से बढ़ी है! कारण है देशभर में बढ़ते कोरोना के मामले। Oxygen की कमी इस हद तक है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, UP, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोग अपनी जान से हाथ तक धो बैठे हैं। यहाँ सबसे दिलचस्प बात यह है कि प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की बात करें, तो भारत में आज भी उत्पादन खपत से कहीं ज़्यादा है।
भारत में प्रतिदिन 7 हज़ार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जबकि कोरोना मामलों के पीक पर भी भारत में डिमांड 5 हज़ार मीट्रिक टन प्रतिदिन से आगे नहीं बढ़ी है! आंकड़ों को देखकर समझ में आता है कि भारत में ऑक्सीजन के उत्पादन की नहीं, बल्कि इसे स्टोर और इसे ट्रांसपोर्ट करने के लिए उपयुक्त इनफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है।
Max hospital in its petition says they have been running from pillar to post and made number of requests both to Central Govt and Delhi Govt.
However, there is no visibility for supply of oxygen to the Hospital from both governments. #DelhiNeedsOxygen #Delhi @AamAadmiParty
— Bar and Bench (@barandbench) April 21, 2021
इसके लिए चलिये Max अस्पताल का उदाहरण लेते हैं। पिछले दिनों गुरुग्राम के Max अस्पताल ने एक आपातकाल संदेश के जरिये बताया कि जो ऑक्सीजन सप्लाई ट्रक उसके पास सुबह तक पहुंचना था, उसे बीच से ही कहीं ओर Divert कर दिया गया।
शुक्रवार को साकेत के Max अस्पताल की ओर से भी इसी प्रकार के संदेश देखने को मिले थे। इनके संदेश के बाद Oxygen से भरे ट्रम्प एन मौके पर अस्पताल पहुंचे। अस्पतालों के मुताबिक हर एक दिन ऑक्सीजन की सप्लाई के लिहाज से चुनौती भरा है। स्पष्ट है कि ऑक्सीजन की समस्या की जड़ उत्पादन नहीं है बल्कि इसे सप्लाई करने और स्टोर करने से संबन्धित इनफ्रास्ट्रक्चर की कमी है।
समस्या यह है कि Oxygen के उत्पादन केंद्र और खपत की जगह के बीच बड़ी दूरी है, जिसके कारण अगर एक साथ कई जगह आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो ऑक्सीजन को सप्लाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऑक्सीजन की सप्लाई चेन में आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडरों, ऑक्सीजन टैंकर्स की भारी कमी है।
महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में ऑक्सीजन उत्पादन केंद्र हैं, दूसरी ओर दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में Oxygen उत्पादन का कोई संसाधन ही नहीं है। ऐसे में ये राज्य दूसरे राज्यों की भेजी गयी ऑक्सीजन पर ही निर्भर हैं। इसमें भी अगर ऑक्सीजन टैंकर्स की किल्लत पड़ती है तो सप्लाई चेन में बड़ी बाधा खड़ी हो जाती है।
स्थिति साफ है। भारत में Oxygen उत्पादन की कोई कमी नहीं है। जैसे-जैसे केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर क्षेत्रीय PSA ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करते हैं, तो लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही मोदी सरकार 50 हज़ार मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात भी कर रही है, जो भारत में Oxygen सप्लाई चेन को और मजबूत करेगा।