“जाओ मर जाओ”, BJP नेता को दिया गया लखनऊ कोविड सेंटर अधिकारी का जवाब भयावह है

BJP नेता को इलाज चाहिए था, अधिकारी बोले- जाओ मर जाओ!

लखनऊ

देश में कोरोना वायरस का कहर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा रहा है। देश के लोगों को अस्पताल में न सिर्फ बेड और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है बल्कि सरकारी अधिकारियों के बुरे बर्ताव से भी जूझना पड़ रहा है। इसी तरह की एक घटना योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में देखने को मिली जब लखनऊ में बीजेपी नेता के एक लड़के ने सरकारी हेल्पलाइन सेंटर पर कॉल करके मदद मांगी। उनके मदद मांगने पर एग्जीक्यूटिव ने कहा, “जाओ मर जाओ”। अब पीड़ित ने अब इस मामले की शिकायत सीएम योगी से की है।

कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लखनऊ में स्वस्थ्य सेवा पर दबाव कई गुना बढ़ चुका है। जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार  देश में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना पीड़ित संतोष कुमार सिंह और उनकी पत्नी ने सरकारी हेल्पलाइन सेंटर पर कॉल करके मदद मांगी तो उनसे कहा गया कि जाओ मर जाओ। रिपोर्ट के अनुसार संतोष कुमार सिंह के पिता मनोहर सिंह बीजेपी के लखनऊ महानगर अध्यक्ष हैं। संतोष कुमार ने 10 अप्रैल को अपनी पत्नी के साथ कोरोना टेस्ट कराया और उसके बाद दोनों ने स्वयं ‘होम आइसोलेशन’ में रहने का फैसला किया। इसके दो दिन बाद 12 अप्रैल को दोनों की रिपोर्ट आई, जिसमें पति-पत्नी को कोरोना पॉजिटिव बताया गया।

इसके बाद संतोष ने यूपी सरकार के कोरोना कमांड सेंटर की हेल्पलाइन को कॉल कर मदद मांगी। रिपोर्ट के अनुसार संतोष ने बताया कि 15 अप्रैल की सुबह 8:14 बजे हेल्पलाइन से कॉल आया। हेल्पलाइन सेंटर में बैठे एग्जीक्यूटिव ने संतोष कुमार सिंह से पूछा क्या उन्होंने “होम आइसोलेशन ऐप” डाउनलोड कर लिया है। इस पर संतोष ने उन्हें बताया कि किसी ने इस तरह के किसी ऐप के बारे में नहीं बताया था। इस पर एग्जीक्यूटिव ने कथित तौर पर उन्हें ‘जाओ मर जाओ’ कहा। बता दें कि यूपी सरकार ने मरीजों के बेहतर इलाज और समय पर दवाओं की डिलीवरी की सुविधा के लिए कोरोनावायरस कमांड सेंटर शुरू किया है, जो कोरोना मरीजों की एक फोन कॉल पर भी मदद करता है। परन्तु इस मामले को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि ये अधिकारी जाँच में मदद के लिए नहीं बल्कि मरीजों को हतोत्साहित करने के लिए बैठे हैं। इस संकट के समय में लोग पूरी तरह से प्रशासन और हेल्थ केयर पर निर्भर हैं। लेकिन मरीजों का साथ देने वाली स्वस्थ्य सेवा भी जब उन्हें मरने के लिए छोड़ दें तो मरीज क्या करे?

इस घटना के बाद संतोष कुमार सिंह ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को पत्र लिखकर शिकायत की और स्पष्टीकरण मांगा। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार रहते हुए भी एक बीजेपी नेता के साथ ऐसा बर्ताव देखने को मिला। ऐसे में ये अधिकारी आम जनता के साथ किस तरह पेश आते होंगे? ऐसा लगता है कि इन्हें जनता के लिए कोई भावना ही नहीं है। अब अगर किसी कोरोना पीड़ित को उसके ही राज्य में यह कहा जाये कि “जाओ मर जाओ” इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी? यह मामला न सिर्फ हैरान परेशान कर देने वाला है बल्कि बड़े स्तर पर संज्ञान नेले वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेकर ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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