वर्तमान भारत की राजनीति में बहुत कम ऐसे नेता बचे हैं जिन्हें पक्ष-विपक्ष और निष्पक्ष सभी से सम्मान मिलता है। ऐसे ही एक नेता है ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक। नवीन पटनायक वैसे तो राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों का हिस्सा कम ही बनते हैं, क्योंकि अक्सर वह अपने राज्य की राजनीति और विकास में यथासंभव लगे रहते हैं, लेकिन जब भी वह राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बनते हैं, तब कोई सकारात्मक कारण ही होता है।
इसी क्रम में नवीन पटनायक, एक सकारात्मक पहल करते हुए बृहस्पतिवार को ओडिशा से ऑक्सिजन की निर्बाध सप्लाई के लिए, स्वयं आगे आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के अकर्मण्य मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को स्वयं फोन करके हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। ओडिशा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की देखरेख में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एक विशेष सेल भी बनाया गया है।
ओडिशा सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि “यह युद्धकाल जैसी परिस्थिति है और ओडिशा राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अपनी भागीदारी बढ़ाएगा, जिसके तहत अन्य राज्यों को आपातकाल में सहायता के लिए ऑक्सीजन उत्पादन को और बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर अपने और ओडिशा के मुख्यमंत्री की बात की जानकारी देते हुए उनका धन्यवाद किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी ओडिशा की ओर से मिल रही मदद के लिए नवीन पटनायक का धन्यवाद किया।
दिल्ली और महाराष्ट्र के अतिरिक्त मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना आदि कई राज्यों को भी ओडिशा से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। ओडिशा में कुल 70 छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं जहाँ इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, अब यहीं से देशभर में मेडिकल ऑक्सीजन भेजी जा रही है।
किन्तु यह पहला अवसर नहीं है जब ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय आह्वान पर कार्य किया है। आपदा में सहयोग हो या किसी राष्ट्रीय प्रश्न पर केंद्र का समर्थन, नवीन पटनायक हर बार एक सच्चे राष्ट्रप्रेम की तरह आगे आए हैं।
लॉकडाउन के समय जब हमारे चिकित्साकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने ताली और थाली बजाने का अनुरोध किया था तो नवीन पटनायक ने अपने आवास की छत पर आकर थाली बजाई थी। जहाँ अन्य राजनीतिक दल ताली थाली के कार्यक्रम को प्रधानमंत्री पर व्यंग करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे और ओछी राजनीति कर रहे थे, नवीन पटनायक ने कोरोना योद्धाओं के उत्साहवर्धन को तरजीह दी।
नवीन पटनायक के कार्य केवल सांकेतिक नहीं होते बल्कि वह नीतिगत बातों में भी राष्ट्रीय हित को तरजीह देते हैं। भाजपा और बीजेडी ओडिशा में प्रतिद्वंद्वी हैं किन्तु राष्ट्रीय हित की बात आते ही दोनों दल एकमंच पर आ जाते हैं। फिर चाहे विमुद्रीकरण (डीमॉनटाइजेशन) हो, उत्पाद एवं सेवा कर (GST) हो, आर्टिकल 370 अथवा CAA, बीजेडी के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही केंद्र को समर्थन किया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद विपक्षी दलों ने वायुसेना के पराक्रम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे थे। उस समय भी नवीन पटनायक ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वायुसेना की वीरता को नमन किया था।
नवीन पटनायक अन्य विपक्षी दलों के लिए रोल मॉडल हैं। उनकी राजनीति भारतीय लोकतंत्र और संघवाद को मजबूत करती है, वह भी एक ऐसे समय में जब विपक्ष लोकतांत्रिक चर्चा के स्तर को रोज गिरा रहा है और केंद्र-राज्य संबंध की नींव खोदने पर उतारू है।