कोरोना और lockdown के बावजूद बढ़ा भारत का tax collection, lockdown में ज़्यादा अमीर हुए Tax Payee भारतीय

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश की GDP में 8 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार इसके बावजूद भी देश में Income Tax चुकाने वाले लोगों ने इस वर्ष पिछले साल के मुक़ाबले अधिक Gross Income Tax चुकाया है। Net Income Tax Collection के आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2020 के मुक़ाबले 2021 वित्तीय वर्ष में कोरोना के बावजूद सिर्फ 1.01 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, वह भी तब जब पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने 2020 वित्तीय वर्ष के मुक़ाबले 42.1 प्रतिशत ज़्यादा refunds जारी किए!

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021 में कुल Income Tax collection 9.45 ट्रिलियन रहा है, जो कि revised estimates से भी 4.5 प्रतिशत ज़्यादा रहा है। 9.45 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा वर्ष 2020 वित्तीय वर्ष से करीब 10 प्रतिशत कम रहा, लेकिन इस गिरावट में अधिक योगदान Corporate Tax में कमी आना रहा। Corporate Tax collection में भीषण 17.95 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। Net Personal Income Tax collection में वैसे तो 4 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली लेकिन यह तब हुआ जब इस वर्ष सरकार ने करीब 13 प्रतिशत अधिक Refunds ज़्यादा दिये!

यह दर्शाता है कि बेशक Informal सेक्टर में लोगों ने अपनी नौकरियाँ खोयीं और बेशक देश की इकॉनमी को एक बुरे दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन देश का जो वर्ग Income Tax चुकाता है, उसकी कमाई में इस दौरान वृद्धि देखने को मिली। कमाई में वृद्धि का एक ही अर्थ है कि Formal सेक्टर में ना सिर्फ नौकरियाँ बढ़ी हैं बल्कि यहाँ काम करने वाले लोगों के वेतन में भी इजाफा हुआ है।

बंगलुरु, मुंबई और जयपुर जैसे शहरों ने Trend के उलट पिछले वर्ष के मुक़ाबले ज़्यादा Direct Tax का भुगतान किया। IT का केंद्र माने जाने वाले बंगलुरु ने तो 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो दर्शाता है कि IT सेक्टर में काम कर रहे लोगों की आर्थिक स्थिति कोरोना के काल में बेहतर हुई है। इसके साथ ही सरकारी आंकड़ो के अनुसार इस साल जनवरी में Formal सेक्टर के कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

पिछले कुछ महीनों में GST कलेक्शन में भी तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है जो दिखाता है कि देश की इकॉनमी तेजी से रफ्तार पकड़ रही है और पटरी पर लौट रही है। अगर सरकार कोरोना की दूसरी वेव को रोक पाने में सफल रहती है तो बेशक इकॉनमी में रिकवरी के इस trend को बरकरार रखा जा सकता है।  

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