न सोशल डिस्टेंसिंग, न कोई नियम कानून: कोविड-19 के डर से लोग नहीं लगवा रहे टीका, राज्य सरकारों को कुछ करना चाहिए

कोरोना के डर से लोग टीकाकरण के लिए नहीं आ रहे है

आज देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में जनता का टीका लगवाना बेहद जरुरी हो जाता है। लेकिन, उत्तर प्रदेश से एक चिंताजनक खबर सामने आई हैं। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में फैमिली वेलफेयर के महानिदेशक डॉ राकेश दुबे ने यह जानकारी दी है कि, कोरोना के मामले बढ़ने की डर से लोग टीकाकरण के लिए सामने नहीं आ रहे है। बता दें कि, भारत में अभी तक 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख लोगों ने अपने घर से टीकाकरण के लिए निकलना बंद कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो पहले उत्तर प्रदेश में रोजाना 3 लाख से अधिक टीकाकरण होता था, अब यह संख्या आधे से भी कम रह गई है।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन टीकाकरण की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है। अगर हम आंकड़ों पर नजर डाले तो, 20 अप्रैल तक प्रदेश में एक करोड़ 11 लाख 46 हजार वैक्सीन लग गई थी। 23 अप्रैल तक यह आंकड़ा महज 1 करोड़ 16 लाख 23 हजार ही पहुंच पाया है। इसका अर्थ यह हुआ कि, 3 दिनों में सिर्फ 4 लाख लोगों का ही टीकाकरण हुआ है। बता दें कि, 4 लाख टीके पहले 1 दिन में दिए जाते थे।

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उत्तर प्रदेश राज्य के बड़े शहर जैसे आगरा, नोएडा, लखनऊ, बनारस और प्रयागराज में भी टीकाकरण में गिरावट देखने को मिल रही है। न्यूज 18 के आंकड़ों के अनुसार, “20 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आगरा में सिर्फ 12 हजार, नोएडा में 13 हजार, लखनऊ में 27 हजार, प्रयागराज में 10 हजार और बनारस में 15 हजार ही टीके दिए जा सके।” उत्तर प्रदेश में ज्यादातर कोरोना के मामले इन ही शहरों से आ रहे है।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य नहीं है, जहां लोग टीकाकरण के लिए आगे नहीं आ रहे है। ऐसी परिस्थिति और भी राज्यों में देखने को मिल रही है। इसका कारण कोरोना के बढ़ते मामले तो हैं ही, लेकिन राज्यों में टीकाकरण सेंटर पर लंबी कतार, और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होना भी एक कारण है।

राज्यों को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के साथ ही जनता के मन में टीकाकरण को लेकर विश्वास पैदा करना होगा। साथ ही में टीकाकरण सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग और बाकी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। क्योंकि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी ऐसे में कार्यक्षम प्रबंधन ही एकमात्र रास्ता है।

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