पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन रोज एक नया रूप ले रहे हैं। यह वह रूप है जब सरकार को सत्ता से हटाकर, सेना का राज्य स्थापित होने वाला होता है। इस रूप से पाकिस्तान अच्छी तरह से वाकिफ है।
बता दें कि, तहरीक-ए-लब्बैक ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिए फ्रांस के राजदूत को बर्खास्त करने के लिए इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था। इसके बाद तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख साद रिजवी को 12 अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया गया था जिससे पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन के समर्थक हिंसक प्रदर्शन करने पर उतर आये।
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पाकिस्तान में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में पाकिस्तानी सेना का एक जवान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को धमकी दे रहा है। वो वीडियो में चीफ ऑफ स्टाफ से कह रहा है कि ‘जल्द से जल्द साद रिजवी को जेल से रिहा किया जाए वरना अगर सेना के अंदर चिंगारी भड़क गई तो, इमरान खान और उनकी पार्टी का नाम लेने वाला कोई नहीं बचेगा।’ सेना के जवान ने इस वीडियो में अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि “फ्रांसीसी राजदूत को देश से बाहर निकाला जाए और साद रिजवी को आज़ाद किया जाए।”
एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान पुलिस के 87 पुलिस वाले तहरीक-ए-लब्बैक के साथ अपने हथियार लेकर खड़े हो गए हैं और वो अब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वीडियो में आगे दावा किया गया है कि लाहौर के 73 सैनिकों ने सेना से इस्तीफा दे दिया है और वो भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतर गए हैं। आपको बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन के समर्थन में तालिबान भी साथ आ गया है।
https://twitter.com/TheZaiduLeaks/status/1383778245691072515
हिंसा के मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं। हिंसा में अभी तक तहरीक-ए-लब्बैक के तीन कार्यकर्ता की जान जा चुकी है। जान जाने के अलावा कई कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी जख़्मी भी हुए है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने रविवार की सुबह तहरीक-ए-लब्बैक के मुख्यालय पर कार्रवाई की, जिसके बाद से मामला और ज्यादा हिंसक हो गया है।
हिंसक प्रदर्शन के दौरान कट्टरपंथियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उमर फारूक बलोच को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट भी की। पुलिस अभी तक तहरीक-ए-लब्बैक के कब्ज़े से बलोच को रिहा नहीं करा पाई है। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता राणा आरिफ ने भी इस बात की पुष्टि की और कहा कि “कई पुलिस अधिकारियों के साथ कट्टरपंथियों ने ‘बुरी तरह मारपीट’ की।”
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फिलहाल, पाकिस्तान गृह युद्ध जैसी परिस्थिति से गुज़र रहा है और यह परिस्थिति पाकिस्तानी सेना के लिए अनुकूल है। जनरल बाजवा अब बस सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद वह संभवत इमरान खान और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को हटाकर खुद सत्ता पर विराजमान हो सकते हैं।