पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की केवल दो प्रसिद्धि हैं, पहला आतंकवाद और दूसरा क्रिकेट। वर्तमान समय में पाकिस्तान का क्रिकेट बोर्ड दिवालिया होने की कगार पर आ गया है। ऐसे में अब एक तरफ जहां पाकिस्तानी सरकार भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को खोलने के लिए भारत के सामने घुटनों पर आ गई है, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी अब भारत के साथ क्रिकेट खेलने की तैयारी कर रहा है। साथ ही ऊल-जलूल बयानबाजी तक कर रहा है, लेकिन बीसीसीआई इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे बैठा है, क्योंकि भारतीय सरकार के विरोध में जाकर कोई फैसला लेने की हिम्मत उसके पास नहीं है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति हद से ज्यादा खराब हो गई है, जिसके चलते देश में चीनी से लेकर कपास तक के लिए मारा-मारी हो रही है। ऐसे में पाकिस्तानी पीएम नियाजी इमरान खान ने भारत के साथ बंद पड़े अपने व्यापारिक रिश्तों को खोलने पर सहमति दे दी है। इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड भी भारत के साथ क्रिकेट खेलने को उछलने लगा है। इस मुद्दे पर पाकिस्तानी उर्दू अखबार डेली जंग की रिपोर्ट कहती है कि भारत पाक के बीच इस साल के अंत या 2022 की शुरुआत तक टी20 मैचों की एक छोटी सी द्विपक्षीय सीरीज खेली जा सकती है।
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पाकिस्तानी अखबार भी अब भारत के हिस्से के फैसले खुद ही लेने के अंदाज़ में खबरें प्रकाशित कर रहे हैं। अखबार ने दावा किया कि अगर इस सीरीज को स्वीकृति मिलती है तो फिर भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी, क्योंकि इससे पहले 2012-13 में पाकिस्तानी टीम भारत आई थी। हालांकि पीसीबी के चेयरमैन एहसान मनी ने कहा, “इस सीरीज को लेकर अभी तक किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है और न ही इस संबंध में भारतीय बोर्ड ने उनसे बातचीत की है। ” साफ है कि वहां के जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि पाक भारत के साथ क्रिकेट खेलने को आमादा है।
पाकिस्तान के लिए क्रिकेट हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन दुनिया में भारत द्वारा प्रचारित और प्रसारित की गई पाकिस्तान की आतंकी प्रवृत्ति का अंजाम ये है कि कोई भी देश पाकिस्तान जाकर क्रिकेट नहीं खेलना चाहता है। वहीं भारत में क्रिकेट के सबसे ज्यादा चाहने वाले हैं। ऐसे में पाकिस्तान हमेशा ही ये चाहता था कि आईपीएल में उसके खिलाड़ी भी खेलें लेकिन आतंकवादी बैकग्राउंड के चलते इन क्रिकेटरों को भारत ने खिलाने से मना कर दिया है। इसीलिए पाकिस्तान के पास पैसों की कमी हो गई है और वह अब भारत से क्रिकेट खेलने के लिए उतावला है।
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पाकिस्तान भले ही भारत के साथ क्रिकेट खेलने के मुद्दे पर बयान बाजी कर रहा हो, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई की ओर से इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। बीसीसीआई के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान और भारत के बीच क्रिकेट को लेकर उनके पास अभी कोई नया रोडमैप नहीं है। साफ है कि बीसीसीआई मोदी सरकार की सत्य नीति के कारण पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के मुद्दे पर चुप्पी साधकर बैठा है, क्योंकि बीसीसीआई का एक कदम मोदी सरकार के गुस्से को भड़का सकता है।
पाकिस्तान के लोग भले ही भारत के साथ पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने के खयाली पुलाव पकाते रहें, लेकिन जब तक भारत सरकार द्वारा बीसीसीआई को हरी झंडी नहीं मिलती, तब तक बीसीसीआई इन सारी बातों को सिरे से खारिज करता रहेगा। पाकिस्तान केवल खयालों में खुश हो सकता है, जबकि हकीकत उसके लिए किसी बड़े दुख से कम नहीं होगी।