पीयूष गोयल ने राज्यों से Oxygen की बर्बादी रोकने को कहा, लिबरलों ने उनको देश का विलेन घोषित कर दिया

PC: The Week

देश में कोरोनावायरस के कारण भयावह स्थितियों के बीच राजधानी दिल्ली समेत महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और अहमदाबाद के अस्पतालों तक ऑक्सीजन की कमी से लोग जूझ रहे हैं। केंद्र रेलवे के जरिए इन सभी राज्यों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ऑक्सीजन की बर्बादी को लेकर बयान दिया, कि संरक्षण सही से हो, और लिबरल गैंग ने अनैतिक अर्थ निकालते हुए आरोप लगा दिया कि पीयूष गोयल लोगों को कम सांस में ऑक्सीजन लेने के लिए कह रहे हैं।

प्रोपेगेंडा फैलाने में देश का वामपंथी वर्ग हमेशा ही सबसे आगे रहता है क्योंकि इन्हें इस बात से तनिक भी फर्क नहीं पड़ता कि दुष्प्रचार के परिणाम कितने व्यापक हो सकते हैं। ऐसे में एक नया प्रोपेगेंडा पीयूष गोयल के ऑक्सीजन की खपत से जुड़े बयान को लेकर चलाया जा रहा है, जिसमें बर्बादी को कम करने और सीमित खपत रखने की बात कही गई, लेकिन लिबरल्स ने उसे सांस लेने के दुष्प्रचार से ही जोड़ डाला।

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पीयूष गोयल ने अपने बयान में कहा,राज्यों से ऑक्सीजन की मांग रही है। मैं बताना चाहता हूं कि राज्य सरकारों को ऑक्सीजन की मांग को काबू में करने की जरूरत है। मांग पक्ष का मैनेजमेंट ज्यादा जरूरी है, आपूर्ति पक्ष के मैनेजमेंट से। उन्होंने कहा, अगर इसी तरह असीमित मात्रा में कोरोना के मरीज बढ़ते रहे तो स्थितियां भयावाह भी हो सकती है। हम राज्यों के साथ मिलकर काम करने के तैयार हैं लेकिन राज्यों को खपत पर नियंत्रण लगाने पर काम करने की विशेष आवश्यकता है।

उन्होंने ऑक्सीजन की खपत को लेकर कहा कि जिन मरीजों को जरूरत है उन्हें ही ऑक्सीजन दी जाए।  उन्होंने कहा, मरीजों को आवश्यकता के अनुसार ही ऑक्सीजन दी जाए। हमारे पास ऐसी रिपोर्ट आईं हैं कि जिन लोगों को आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी ऑक्सीजन दी जा रही है, जो कि पूर्णतः बर्बादी को दर्शाता है। बर्बादी पर लगाम लगानी चाहिए।

पीयूष गोयल के बयान से साफ है कि वो ऑक्सीजन को मरीजों को देने के खिलाफ नहीं हैं, बस बर्बादी के खिलाफ हैं, लेकिन लिबरल गैंग ने ट्विटर पर रोना मचा दिया कि पीयूष गोयल सांसों में ऑक्सीजन की खपत भी तय करने पर तुले हैं। मुंबई कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर हैंडल तक से इस संबंध में भ्रामक ट्वीट और दुष्प्रचार सामने आ रहे हैं कि पीयूष गोयल सांसों में ऑक्क्सीजन की मात्रा की सीमा तय कर रहे हैं, जबकि ये सब बिलकुल सफेद झूठ है।

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लिबरल गैंग मांग कर रहे हैं कि पीयूष गोयल के इस अमानवीय बयान के लिए उन पर कार्रवाई हो, जबकि असल में कार्रवाई तो इन लिबरलों के खिलाफ होनी चाहिए जो कि केन्द्रीय मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश कर दुष्प्रचार फैला रहें हैं क्योंकि उनका उद्देश्य बर्बादी रोकने का था।

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