पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को जिताने के लिए बंगाल पहुंचे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उनके लिए सबसे बड़ी मुश्किल बन गए हैं। प्रशांत अपनी ढुल-मुल नीति के कारण जो भी काम करते हैं, उसमें अपनी गलतियों के कारण वह खुद ही घिर जाते हैं। प्रशांत किशोर अपनी गलतियों के कारण एक बार फिर घिर गये हैं। दरअसल हाल में ही वह सोशल मीडिया पर Club House ऑनलाइन मीटिंग रूम के जरिए कुछ तथाकथित वरिष्ठ मोदी विरोधी पत्रकारों के साथ चुनाव पर रणनीति बनाते नजर आए हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला कि ये सब सार्वजनिक हो रहा है तो वह तुरंत चुप हो जाते हैं। प्रशांत किशोर के इसी रवैए के चलते टीएमसी के वोटरों को भी ममता से मोह भंग होने लगा है।
ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आए दिन ऐसे कांड करते रहते हैं, जिससे ममता की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है। प्रशांत किशोर देश के कुछ वामपंथी तथाकथित पत्रकारों और घोषित एजेंडा धारियों के साथ बंगाल चुनाव को लेकर बातचीत कर रहे थे, जिनमें एनडीटीवी के तथाकथित सबसे निष्पक्ष पत्रकार रवीश कुमार से लेकर आरफा खानम शेरवानी, संजय हेगड़े, साक्षी जोशी सहित अपने आपको तटस्थ पत्रकार बताने वाले नरेंद्र नाथ मिश्रा भी शामिल थे। इस आनलाइन रूम में सारी बातचीत सहज ढंग से हो रही थी कि अचानक एक बम फटा।
Is it open?
That moment when Mamata Banerjee’s strategiest realised that the Club House room was open and his admissions were being heard by the public at large and not just a handful of Lutyens journalist.
Deafening silence followed…
TMC’s election was just thrown away! pic.twitter.com/2XJ4RWbv3K
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) April 10, 2021
इस फटे बम की बात करें तो इन पत्रकारों को पता चल गया कि ये रूम किसी के लिए भी ओपेन था। मतलब कोई भी इसे ज्वाइन कर सकता था। इस रूम के ओपेन होने का खुलासा स्वाती चतुर्वेदी ने किया। इसके बाद रवीश कुमार और प्रशांत किशोर ने अपने आप को म्यूट कर लिया, क्योंकि इनकी पोल खुल चुकी थी जिसके बाद सभी को सांप सूंघ गया था। वहीं वामपंथ का एजेंडा चलाने वाली आरफा ने मोर्चा संभालते हुए कहा, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी इस बातचीत को लेकर कोई क्या सोच रहा है।”
आरफा के बयानों पर उनकी हां में हां मिलाते हुए कुछ इसी तरह संजय हेगड़े ने भी कहा कि कोई भी ट्विटर पर यहां हुई बातचीत को लेकर कुछ भी लिखने या बोलने के लिए स्वतंत्र है। दिलचस्प बात यह है कि ट्विटर पर प्रशांत किशोर का बवाल मचाने वाला ऑडियो वायरल हो गया है जिसके बाद उनकी जमकर फजीहत हो रही है। वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ही इस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है कि प्रशांत किशोर इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि बंगाल में ममता बनर्जी के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता हद से ज्यादा बढ़ गई है।
इन सब बातों से इतर प्रशांत किशोर पूरा रायता फैलने के बाद उसे समेटने में जुट गए हैं और उन्होंने इस चैट रूम और पीएम मोदी की तारीफ समेत राज्य में बीजेपी के बढ़ते जनाधार को लेकर कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि बीजेपी के लोग अपने नेताओं के बयान से ज्यादा मेरी Club House चैट को ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं। मेरी उनसे अपील है कि चैट के कुछ हिस्से को छोड़कर पूरी बातचीत को जारी करें, जो हिस्सा जारी किया गया है उसमें इस सवाल का जवाब दिया जा रहा था कि कैसे बीजेपी को 40% वोट मिल रहे हैं और कैसे ये सोच बन गई है कि बीजेपी जीत रही है।”
प्रशांत किशोर इस मुद्दे पर सफ़ाई दे रहे हैं तो वहीं अन्य लुटियंस दिल्ली के पत्रकारों को तो लग रहा है कि कुछ हुआ ही नहीं, जबकि पीके के इस चैट रूम के जरिए इन सभी की पोल भी खुल गई हैं कि किस तरह से ये पत्रकार बीजेपी विरोध में खड़ी प्रत्येक राजनीतिक पार्टी में अपनी दिलचस्पी लेते हैं। इतना ही नहीं इस मुद्दे पर बयानबाजी कर पीके ने ये भी साबित कर दिया है कि क्यों पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सबसे बड़ी जीत होने जा रही है। पीके इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि ममता दीदी का किला ढहने वाला हैं।
इसीलिए प्रशांत किशोर की Club House पर इस बातचीत का वायरल होना और पीके का पीएम मोदी के पक्ष में बयानबाजी करना दिखाता है कि वो भी राज्य में अपनी हार स्वीकारने लगे हैं। शायद इसीलिए ऐसे लुटियंस पत्रकारों से बातचीत के जरिए अपने भविष्य के लिए कुछ सकारात्मक हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।