सीताराम येचुरी के बेटे के निधन पर प्रियंका का सोशल मीडिया प्रचार, Twitter users ने जम के सुनाई खरी-खोटी

प्रियंका गांधी संवेदना से भरा एक ट्वीट भी खुद से कर न सकीं, उसे Copy-Paste किया तो खुल गयी पोल

प्रियंका

(PC: Newstrack)

संवेदनशीलता का दिखावा करना भी एक कला है, और कांग्रेस पार्टी की नई पीढ़ी के एक्सीडेंटल नेताओं को ये काम भी नहीं आता है। लेफ्ट के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी के बेटे आशीष येचुरी के निधन पर श्रृद्धांजलि तो सभी ने दी, लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को श्रृद्धांजलि का एक ट्वीट करने में कॉपी पेस्ट और ट्विटर की पूरी toolkit मशीनरी का प्रयोग करना पड़ा, जो दिखाता है कि कांग्रेस समेत प्रियंका गांधी के स्तर के नेता संवेदना प्रकट करने में भी दिखावा और औपचारिकता ही करते हैं, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी दर्ज हो सके।

दरअसल, कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी की चपेट में सीपीएम नेता और महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे आशीष भी आ गए। दिल्ली के फैमिली अस्पताल में दो हफ्ते पहले भर्ती हुए आशीष की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां भी उन्हें कोई स्वास्थ्य लाभ न मिल सका और अंत में उनकी मृत्यु हो गई है। इस बात की जानकारी खुद सीताराम येचुरी ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए दी है। इस मौके पर ट्विटर पर लोग आशीष येचुरी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी, और अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं, लेकिन इस मामले कांग्रेस कार्यकर्ताओं की क्रांतिकारी दीदी और गांधी परिवार की बिटिया प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी ही हरकतों के कारण चर्चा में आ गई। आशीष येचुरी के प्रति संवेदनाएं प्रकट करने में उन्हें तीन ट्वीट करने पर पड़े। पहले ट्वीट में वो सीताराम येचुरी की जगह सीताराम केसरी (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) का नाम लिख बैठीं। इसके बाद उसे तुरंत कॉपी कर डिलीट किया तो एक नया बवाल हो गया।

https://twitter.com/YourRishbh/status/1385101232176435203?s=20

 

दरअसल इस डिलीट किए हुए ट्वीट को ही प्रियंका ने दोबारा पेस्ट कर ट्वीट कर दिया, जिसके चलते उस नए ट्वीट के साथ Toolkit में दिया गया निर्देश (Please Tweet) भी लिखा रह गया। इसके बाद प्रियंका को फिर से अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा। फिर पुनः उन्होंने सारा कॉपी पेस्ट का खेल सही करके एक ठीक-ठाक ट्वीट किया। इस पूरे किस्से का सार ये है कि प्रियंका गांधी को संवेदना भरा एक ट्वीट करने में भी कॉपी पेस्ट जैसे फीचर्स की सहायता लेनी पड़ती है। ये लोग जिसके प्रति संवेदना प्रकट करते हैं, असल में इन्हें उनके नाम तक याद नहीं रहते।

 

इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रियंका गांधी को जमकर ट्रोल करना शुरू कर दिया, और लोग कहने लगे कि इन्हें एक साधारण संवेदना का ट्वीट करने के लिए भी टूलकिट की आवश्यकता है। प्रियंका वाड्रा के इस कृत्य से उनकी काफी फजीहत हो गई है। वो हमेशा अपनी छवि एक संवेदनशील नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश करती रही हैं, लेकिन इस कृत्य से उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता से लेकर असंवेदनशीलता जनता के सामने आ गई है। इसके चलते लोग उनका मजाक बनाने के साथ ही उनकी आलोचना करने लगे हैं।

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कांग्रेस पार्टी हमेशा ही राहुल गांधी की अपरिपक्वता के कारण हास्य का विषय बनी रहती है। हालांकि, अब प्रियंका गांधी से उम्मीदें लगा रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भी गहरा झटका लगा है।

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