वुहान वायरस की दूसरी लहर ने भले ही विकराल रूप धारण किया हो, परंतु भारतीय सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने वालों में से नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय जहां टीकाकरण के तीसरे चरण के लिए कमर कस चुका है, तो वहीं रेलवे मंत्रालय ऑक्सीजन एक्स्प्रेस के ज़रिए तुरंत के तुरंत मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था करा रहा है। इसी बीच रक्षा मंत्रालय ने भी कोविड को मुँहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है, और वह कोविड को हराने के लिए सब कुछ कर गुजरने को तैयार है।
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा सभी डीपीएसयू एवं आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के सभी चिकित्सा केंद्रों को कोरोना वायरस से संक्रमित आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ साथ उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
इसके अलावा रक्षा मंत्री ने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा कि डीआरडीओ दिल्ली हवाई अड्डे के निकट स्थित अपने सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में 250 और बिस्तरों का प्रबंध करेगा। इसके बाद अस्पताल में बिस्तरों की कुल संख्या बढ़कर 500 हो जाएगी। राजनाथ सिंह के अनुसार, “गुजरात में 1,000 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन शुरू हो चुका है। लखनऊ में कोरोना उपचार केंद्र का निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है और अगले पांच-छह दिन में उसका संचालन शुरू हो जाएगा। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से अस्पताल का संचालन करेगा”।
कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सेना के तीनों अंगों के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय की अन्य इकाइयां भी विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहयोग प्रदान कर रही हैं। चाहे मेडिकल Oxygen का तेजी से परिवहन सुनिश्चित कराना हो, या फिर आवश्यक दवाइयों और खाली Oxygen टैंकरों और कंटेनरों को देश के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों तक पहुंचाने का काम करना हो, या फिर विदेशों से आवश्यक दवाइयाँ क्यों न लानी हो, आप बस बोलते जाइए और देश की तीनों सेनाएँ एक साथ काम कर रही हैं। इसके अलावा वायुसेना देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना अस्पतालों के लिए दवाओं के साथ-साथ आवश्यक उपकरणों की भी ढुलाई कर रही है। अभी हाल ही में वायुसेना का एक विमान सिंगापुर से क्रायोजेनिक ऑक्सीजन की एक बड़ी खेप लेकर पहुंचा है। यही नहींं सऊदी अरब से भी 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन IAF भारत लेकर आया है।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस भीषण संकट के समय भी देश एकजुट होकर हर समस्या से लड़ने को तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तत्परता से निभाते हुए भारत को इस भीषण संकट से निकालने के लिए कमर कस चुके हैं, चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े