“Remdesivir को दोगुनी कीमत पर बेचो”, कोविड से तड़पते लोगों की जेब नोचकर पैसा खा रही है BMC

शिवसेना वालों, शर्म करो!

महाराष्ट्र में इस समय व्यवस्था रामभरोसे है। वुहान वायरस के प्रतिदिन लगभग 60000 नए मामले सामने आ रहे हैं, अस्पताल में बेड कम पड़ रहे हैं, लेकिन मजाल है कि उद्धव सरकार को राज्य की तनिक भी चिंता हो। अभी भी इनकी पहली प्राथमिकता है कि कैसे भी करके अपनी जेबें भरी जाएँ, चाहे इसके लिए आवश्यक दवाइयों में भी घोटालेबाज़ी करनी पड़े या फिर फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट्स बनानी पड़े।

जितनी तत्परता से वामपंथी वुहान वायरस की दूसरी लहर का सारा ठीकरा कुम्भ मेले पर फोड़ने में लगे हुए हैं, उतनी ही कुशलता से वह महाराष्ट्र में हो रहे भ्रष्टाचार को छुपाने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ जागरूक यूजर्स की मदद से ये सामने आ रहा है कि महाराष्ट्र सरकार Remdesivir के इंजेक्शन की बिक्री में भी धांधली कर रही है।

ट्विटर यूजर अविनाश श्रीवास्तव के ट्वीट्स के अनुसार, बीएमसी Remdesivir के इंजेक्शन Haffkine कंपनी से 1568 रुपये प्रति इंजेक्शन की दर से खरीद रही है। जबकि यही Haffkine 665 रुपये प्रति इंजेक्शन की दर से बेच रहा है। यह दोगलापन क्यों?”

अब BMC की यह धांधली कितनी सच है और कितनी झूठ, इसपे एक लंबी चर्चा हो सकती है, परंतु इस बात में कोई संदेह नहीं है कि महाराष्ट्र में हर प्रकार के नियमों को ताक पर रखकर वसूली की जा रही है। सचिन वाझे का मामला तो बस एक उदाहरण है, उद्धव सरकार के नेतृत्व में भ्रष्टाचार इस हद तक पहुँच चुका है कि अब दूसरे राज्यों में जाने के लिए फर्जी COVID नेगेटिव रिपोर्ट्स भी तैयार की जा रही हैं।

विश्वास नहीं होता तो मिड डे की इस रिपोर्ट पर ही ध्यान दीजिए। इस विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में स्टिंग ऑपरेशन के ज़रिए इस बात का खुलासा किया गया है कि कैसे 00 रुपये देकर फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट बनवाई जा रही हैं, जिसके बल पर महाराष्ट्र से किसी भी राज्य में आ या जा सकते हैं।

रिपोर्ट के अंश अनुसार, “मुंबई में लॉकडाउन जैसी समस्याओं के कारण कई प्रवासी मजदूर एक बार फिर अपने गाँव लौटने को विवश हैं। कई राज्यों में COVID के नेगेटिव RTPCR टेस्ट रिपोर्ट के साथ प्रवेश आवश्यक है। इसके चलते महाराष्ट्र में अब एक नया धंधा शुरू हो गया है, जहां प्रशासन की नाक के नीचे से टूर्स एंड ट्रैवेल्स कंपनियां लोगों को 300 से 500 रुपये के दाम पर फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट थमा रहे हैं, विशेषकर उन यात्रियों को, जो गुजरात, राजस्थान या मध्यप्रदेश की ओर निकल रहे हैं।”

अब सोचिए, यदि अभी ये हाल हैं, तो ऐसे कितने यात्री होंगे, जो ऐसे फर्जी रिपोर्ट्स के सहारे दूसरे राज्यों में प्रवेश कर चुके होंगे, और ऐसे कितने लोग रहे होंगे, जो इनमें वुहान वायरस से संक्रमित रहे होंगे? हालांकि ये उद्धव प्रशासन के लिए कोई नई बात नहीं है।

अभी कुछ ही हफ्तों पहले मिड डे ने ही अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि कैसे BMC ने विदेश से आने वाले यात्रियों से 10000 रुपये प्रति यात्री की दर से लेकर  क्वारंटीन से छूट दिलवाई थी। ऐसे में जिस प्रकार से महाराष्ट्र में धाँधलेबाज़ी के नाम पर वुहान वायरस की महामारी को बढ़ावा दिया गया है, वो न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि उद्धव प्रशासन के लालच को भी उजागर करती है, जो अपनी जेबें भरने के लिए देश को विनाश की आग में झोंकने को भी तैयार है।

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