शैलेंद्र सिंह को आखिरकार न्याय मिल गया है, जिन्हें मुख्तार अंसारी ने बर्बाद करने का प्रयास किया था

शैलेंद्र सिंह को झूठे केस में झेलनी पड़ी थी यातना!

PC : (Aajtak)

पूर्व पुलिस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह का जीवन अपराधी मुख्तार अंसारी ने बर्बाद करने का प्रयास किया था। उन्हें अब पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के कारण न्याय मिल रहा है। एक अहम निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए अपराधी मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को दो हफ्तों के अंतर्गत सौंपने का आदेश दिया है। मुख्तार अंसारी पर कई प्रकार की तस्करी के साथ दंगे भड़काने और निर्दोष लोगों की हत्या करने के गंभीर आरोप हैं।

इस अपराधी की गिरफ़्तारी के बाद अगर किसी व्यक्ति को सबसे ज्यादा संतोष मिला है, तो वह हैं पूर्व पुलिस अफसर शैलेन्द्र सिंह। शैलेंद्र सिंह का खोया गौरव लौटाने में पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने एक अहम भूमिका निभाई है।

अक्सर अपने आदर्शों का पालन करना आधुनिक समय में मुसीबत का कारण बन जाता है। यह बात शैलेन्द्र सिंह से बेहतर कौन जान सकता है ? 17 साल पहले जब शैलेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश में डीएसपी के पद पर तैनात थे, तब उन्होंने मुख्तार अंसारी के खिलाफ POTA के तहत मुकदमा चलाया। इतना ही नहीं, पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय की हत्या में उपयोग में लाए गए LMG को भी जब्त करते हुए उन्होंने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मोर्चा खोला।

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फिर क्या था, मुख्तार अंसारी शैलेन्द्र के पीछे हाथ धोकर पड़ गया। उसे तत्कालीन मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का पूरा संरक्षण प्राप्त था, जिन्होंने मऊ दंगों के दौरान भी मुख्तार अंसारी का बचाव किया था। दोनों ने मिलकर शैलेन्द्र सिंह पर केस वापस लेने का दबाव बनाया, लेकिन शैलेन्द्र अपने आदर्शों से टस से मस नहीं हुए।

एक साक्षात्कार में शैलेंद्र सिंह ने बताया, “जब हमारी टीम ने हथियारों को जब्त किया, तो हम पर केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो हमें जेल में डाल दिया जाता। हमारी टीम ने जान पर खेलकर उन हथियारों को रिकवर किया और उसके बाद इस तरह से हो रहा, ऐसे कैसे कोई काम कर सकता है ?”

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अपनी व्यथा बताते हुए शैलेन्द्र सिंह रो पड़े। उन्होंने बताया कि पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के बाद उनके खिलाफ कैसे वाराणसी में एक झूठा FIR दर्ज किया गया, जिसके आधार पर उन्हें कारावास की यातना भी झेलनी पड़ी। इस दौरान यदि कोई उनके साथ था, तो वे केवल योगी आदित्यनाथ थे, जो उस समय गोरखपुर से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थे।

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उन्होंने शैलेन्द्र के परिवार को आश्वासन दिया कि उनके सत्ता में आते ही शैलेन्द्र के खिलाफ सभी झूठे मामले वापस लिए जाएंगे। आज शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ लगभग सभी झूठे मामले रद्द कर दिए गए हैं। लेकिन केवल योगी आदित्यनाथ ही शैलेन्द्र सिंह की अवस्था के बारे में चिंतित नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जब शैलेन्द्र सिंह की अवस्था के बारे में पता चला, तो वे भी काफी विचलित हुए। उन्होंने निजी तौर पर शैलेन्द्र सिंह से बातचीत की और ये भी पूछा कि इस विपत्ति की अवस्था में उन्होंने अपने परिवार का लालन पालन कैसे किया ?

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्तार अंसारी के उत्तर प्रदेश लाए जाने से न सिर्फ योगी सरकार ने अराजकतावाद को मुंहतोड़ जवाब दिया है, बल्कि नरेंद्र मोदी के भय मुक्त भारत के स्वप्न को भी साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार को अब ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जो शैलेन्द्र सिंह के साथ हुआ, वो फिर किसी कर्मठ कर्मचारी के साथ न हो।

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