प्रत्येक राजनीतिक दल में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो पार्टी के लिए शर्म का पर्याय बन जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए राहुल गांधी की मौजूदगी भी ऐसी ही है जो कि आए दिन अपने बयानों से पार्टी को शर्मसार करते रहते हैं। इसके चलते उन्हें लोगों द्वारा पप्पू तक की संज्ञा दी गई है, लेकिन ऐसा नहीं है कि राहुल अपने किस्म के इकलौते नेता हैं। डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन के बेटे उधयनिधि की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हो गई है जो कि अब बेतुके बयान और कृत्यों के कारण चर्चा का विषय बन गए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक और अजीबो-गरीब काम किया और वोट डालने के समय पार्टी के Logo वाली टी-शर्ट पहनकर चले गए, जिसके बाद उनकी फजीहत हो रही है।
तमिलनाडु में अंतिम चरण की वोटिंग के दौरान स्टालिन फैमिली वोट डालने पहुंचीं और पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन के बेटे उधयनिधि स्टालिन भी वोट डालने पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपना वोट डालने के साथ ही जनता के मतों को प्रभावित करने की कोशिश की। वो अपनी पार्टी डीएमके के Logo वाली टी-शर्ट पहनकर मतदान केंद्र पहुंचे थे। यहीं से उनकी आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया, और उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई है।
और पढ़ें- उधयनिधि स्टालिन – हर पार्टी में एक राहुल गांधी होता है, बस राष्ट्रीय मंच पर आने की देर है
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके ने स्टालिन के खिलाफ चुनाव आयोग से आपत्ति जताते हुए शिकायत की है। इस शिकायत में स्टालिन के टी-शर्ट कांड को लेकर कहा गया है कि स्टालिन ने वोटिंग के दौरान चुनाव आयोग द्वारा लागू आचार संहिता के नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। एआईएडीएमके की मांग है कि इस मसले पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के लिए उधयनिधि के खिलाफ कार्रवाई हो, क्योंकि चुनाव आयोग किसी भी पार्टी के नेता को वोटिंग के दौरान पार्टी का चुनाव चिन्ह प्रचारित करें की कतई अनुमाति नहीं देता है।
साफ है कि स्टालिन ने वोटिंग के दौरान एक बचकाना काम किया है जिसके लिए उनकी तीखी आलोचना हो रही है। संभवत: चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा। ऐसा पहली बार नहीं है कि उधयनिधि ने कोई बेतुका कारनामा किया हो। इसके पहले वो बीजेपी के दो वरिष्ठ नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के देहांत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उनका ये बयान बेहद ही आपत्तिजनक था जिसके चलते उनके खिलाफ दोनों नेताओं की बेटियों ने ही मोर्चा खोलकर उधयनिधि स्टालिन की धज्जियां उड़ा दीं थीं।
वहीं बीजेपी की शिकायत के बाद उधयनिधि को चुनाव आयोग ने भी नोटिस जारी किया है, और 7 अप्रैल तक उनके इस कारनामे के लिए उनसे जवाब मांगा है। साफ है कि उधयनिधि स्टालिन दक्षिण की राजनीति में डीएमके के लिए ठीक वैसी ही भूमिका निभा रहे हैं जैसी देश की राजनीति में कांग्रेस के लिए राहुल गांधी निभाते हैं। इसके चलते उन्हें सोशल मीडिया से लेकर आम जनता के बीच पप्पू की संज्ञा दी जाती हैं।
राहुल की तरह ही हास्यास्पद हरक़तें करने वाले उधयनिधि स्टालिन के लिए भी अब कहा जाने लगा है कि वो भी दक्षिण की राजनीति के राहुल गांधी यानी पप्पू बन गए हैं और ये डीएमके के लिए राजनीतिक रूप से एक चुनौतीपूर्ण बात हो सकती है।