BJP से बचाने के लिए कांग्रेस ने असम में अपने 60 उम्मीदवारों को किया 5 स्टार होटलों में कैद

भाजपा से इतना डर?

हमने अकसर देखा है कि जब कांग्रेस के विधायकों में टूट की आशंका होती है, तो पार्टी उन्हें होटलों में कैद कर बीजेपी से बचाने की कोशिशें शुरू करती है, लेकिन अभी तक अपने उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया जैसा वो असम में अपने 60 विधानसभा उम्मीदवारों के साथ कर रही है।

पार्टी ने उन्हें गुवाहाटी के एक 5 स्टार होटलों में ठहरा दिया है और सभी की हरकतों की मॉनीटरिंग की जा रही है। कांग्रेस को डर है कि चुनाव नतीजें आने के बाद ये कांग्रेसी उम्मीदवार बीजेपी का दामन थाम सकते है और बहुमत से थोड़ा दूर होने की स्थिति में बीजेपी को इन विधायकों की मदद का तगड़ा फायदा मिल सकता है।

असम में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और नतीजे 2 मई को आएंगे। इससे पहले बीजेपी तो मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल और फायरब्रांड नेता हेमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन कांग्रेस में उठा-पटक की स्थिति है।

कांग्रेस अपने विधायक उम्मीदवारों को 5 स्टार होटलों की सुविधाएं दे कर उनका मनोरंजन कर रही है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो वो अपने उम्मीदवारों को बीजेपी से बचाने के लिए बाड़ाबंदी शुरू कर चुकी है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने गुवाहाटी से 24 किलोमीटर दूर अपने 95 में से 60 उम्मीदवारों को डिचांग नाम के एक 70 कमरों वाले रिसॉर्ट में रखा है।

इस मामले में कुछ कांग्रेस नेताओं ने तो खुलकर स्वीकार कर लिया है कि उन्हें डर है कि ये कांग्रेसी उम्मीदवार बीजेपी के पाले में जा सकते हैं। असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा, “अनेकों राज्यों में बीजेपी के इतिहास को देखते हुए हमें डर है कि बीजेपी जोड़-तोड़ की करके सरकार बना सकती है। इसीलिए हमने पहले से कुछ रक्षात्मक उपाय किए हैं।”

साफ है कि बोरा साहब खुद ही अपने उम्मीदवारों के प्रति विश्वास को लेकर शून्यता रखते हैं। अब सवाल ये उठता है कि अभी ये हाल है तो इनमें से जीतने वाले विधायकों के प्रति 5 साल तक कांग्रेस को कितना विश्वास होगा।

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इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने असम के सहयोगी दल एआईयूडीएफ और बीपीएफ के उम्मीदवारों को भी कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होटलबाजी के लिए भेजा था। ये कृत्य दिखाते हैं कि कांग्रेस और उसके सहयोगी सभी उम्मीदवारों की विश्वसनीयता को लेकर खौफ में है।

इस खौफ की वजह बीजेपी ही है। इन्हें डर है कि जिस तरह से बिहार, मध्य प्रदेश और गोवा में कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में जाने पर बीजेपी की सरकार बन गई थी, वही स्थिति असम में भी आ सकती है।

पूरे चुनावी कैंपेन पर नजर डालें तो कहा जा सकता है कि बीजेपी की जीत को लेकर कांग्रेस भी आश्वस्त ही है, लेकिन कांग्रेस की सोच है कि यदि बीजेपी को बहुमत में थोड़ी भी दिक्कत आई तो वो कांग्रेस विधायकों से संपर्क कर, उन्हें अपनी तरफ मिला सकती है।

इससे कांग्रेस के पास से सरकार बनाने का चांस चला जाएगा। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए ही कांग्रेस बीजेपी के खौफ में अपने उम्मीदवारों को रिसॉर्ट और होटलों में कैद कर चुकी है, जो कि काफी हास्यास्पद स्थिति है।

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