तेलंगाना के नागार्जुनसागर विधानसभा उपचुनाव के बाद अब सभी राजनितिक पार्टियों की नजर Khammam और वारंगल नगरपालिका चुनावों पर हैं और उसके लिए वे कमर कस रही हैं। 17 अप्रैल को नागार्जुनसागर उपचुनाव के बाद, राज्य चुनाव आयोग द्वारा अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के पहले सप्ताह में इन दो नागरिक निकायों के लिए चुनाव कराने की संभावना है। परन्तु चुनावों से पहले यह खबर आ रही कि BJP को चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिए TRS ने उस क्षेत्र के सभी होटलों और रिसोर्ट को बुक कर लिया है जिससे BJP के नेता कहीं ठहर ही न पाए।
यही नहीं नेताओं ने उन स्थानियों लोगों को धमकाया भी है जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को ठहरने की पेशकश की थी। अब इसी समस्या के बाद BJP के युवा नेताओं ने इस आपदा को अवसर के रूप में बदल दिया है और लोगों के बीच जाकर अस्थाई ट्रेकिंग टेंट में रह कर प्रचार कर रहे हैं।
इस दौरान वे प्रत्येक रात, आदिवासी बस्ती में वहां के निवासियों के साथ बातचीत करते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हुए समय बिताते हैं और फिर अगली सुबह दूसरी बस्ती में भाजपा के विकास मंत्र का प्रचार करते हैं।
उन्हें रहने के लिए होटलों से वंचित कर दिया गया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कई युवा नेताओं ने इसे ग्रामीण जनता, विशेषकर आदिवासी इलाकों, में 17 अप्रैल को उपचुनाव तथा नगरपालिका चुनावों के लिए अवसर में बदल दिया है।
पीएम साईं प्रसाद ने डेक्कन क्रॉनिकल के हवाले से कहा था, “इससे हमें स्थानीय लोगों के साथ एक संबंध विकसित करने का एक शानदार अवसर मिला। हम अपना भोजन स्वयं पका रहे हैं और कभी-कभी स्थानीय लोग अपना भोजन हमारे साथ साझा करते हैं।”
साई प्रसाद के नेतृत्व में युवा टीमें पिछले छह दिनों से पार्टी के उम्मीदवार डॉ पी रवि कुमार के लिए जोरदार प्रचार कर रही हैं, सोने की उचित व्यवस्था की कमी को भी प्रचार के बीच नहीं आने दिया गया। वे अपने साथ मच्छर मारने वाली क्रीम, मशाल और अन्य आवश्यकता की चीजों को भी साथ ले जा रहे हैं, ताकि वे अपने आप को सुरक्षित रख सके तथा देशभक्ति के गीतों, वंदे मातरम और भारत माता की जय’ जैसे नारे भी लगा रहे थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीथल टांडा, डोकलावई टांडा और राजावरम सहित कई बस्तियों का दौरा किया और मतदाताओं को टीआरएस और कांग्रेस के खिलाफ लिए एक मजबूत राजनीतिक बल का समर्थन करने की आवश्यकता बताई।
यहाँ इसी से स्पष्ट हो जाता है कि अब दक्षिण भारत में BJP कैसे विस्तार कर रही है और लोगों के बीच क्यों लोकप्रिय हो रही है। पश्चिम बंगाल में बदलता राजनीतिक परिदृश्य हैदराबाद में केसीआर के रातों की नींद पहले ही हराम कर चुका है। उन्हें पता है कि अगर BJP पश्चिम बंगाल में बेहतरीन प्रदर्शन करती है तो उसके अगले निशाने पर तेलंगाना ही होगा।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों में जिस तरह से भाजपा ने प्रदर्शन किया उसे उनके माथे पर बल जरुर पड़ा होगा। BJP ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में असाधारण प्रदर्शन किया और टीआरएस पिछले चुनाव में 99 सीटों की तुलना में केवल 56 सीटों पर ही सिमट गई थी, जबकि BJP ने अपनी संख्या चार से 48 सीटों पर पहुंचा दी। भाजपा भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक और तेलंगाना में सबसे बड़ी पार्टी की नाक के नीचे सही समर्थन हासिल करने में सफल रही है और TRS को अब अन्य पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे पहले लोक सभा चुनावों में भी BJP का प्रदर्शन अच्छा रहा था और 17 में से 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
जीएचएमसी के नतीजों और फिर अब Khammam और वारंगल नगरपालिका चुनावों का सबसे बड़ा असर दक्षिणी राजनीति पर पड़ेगा। इन वर्षों में, BJP ने खूब मेहनत की है और अब यह मेहनत रंग ला रही है।